तुम्हारी याद
पता नही क्यूं! आजकल, तुम्हारी याद आ रही है। ना चहते हुए भी, तेरी याद, दिला रही है।। साथ खेलना, साथ घूमना, एक साथ स्कूल जाना। तेरा रूठना मेरा मनाना,…
पता नही क्यूं! आजकल, तुम्हारी याद आ रही है। ना चहते हुए भी, तेरी याद, दिला रही है।। साथ खेलना, साथ घूमना, एक साथ स्कूल जाना। तेरा रूठना मेरा मनाना,…
रिमझिम रिमझिम बरस रही, बारिश की बूँदे प्यारी। हरे भरे हैं वृक्ष सभी, मुस्कातीं बगिया सारी।। धीरे-धीरे डोल रही है, अल्हड़ मस्त हवाएं। अनुराग हुआ उन्मुक्त हृदय, हम कैसे इसे…
लखनऊ: भारतीय समाज-शास्त्र एक ओर सैद्धान्तिक तौर पर नारी को आदर और सम्मान का पात्र घोषित करता है और “यत्र नार्यन्ति पूज्यंते तत्र रमन्ते देवता” जैसी उद्घोषणाएँ करता है तो…
नहीं पता कब हो जायेगी, इस जीवन की शाम। मानवता के पथ पर चलकर, आओ सबके काम। तन का जब तक साथ निभाये, सांसों की ये डोर। तब तक बनो…
जब तक चलेंगी ज़िन्दगी की सांसें कहीं प्यार कहीं, टकराव मिलेगा। कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा। कहीं मिलेगी ज़िन्दगी में प्रशंसा तो कहीं नाराजगियों…
सबके आंगन में आयेगा, खुशियों का फिर डेरा। इस दुनिया से मिट जायेगा, दुख का मीत अंधेरा। विपदाओं की गठरी से तुम, नहीं कभी घबराना। मुश्किल का जो पल आया…
वाह! रे मदिरा तेरी तो, है महीमा अपरम्पार! तुम्हीं चलाते अर्थव्यवस्था, तुमसे है सरकार!! श्रम, संकट, संताप भूल नर, सपनों में खो जाता है। रंक पीये जो एक घूँट तो…
हर दर्द को जो दिल में छुपाता चला गया। हर मुसकिलों में चुटकियाँ, बजाता चला गया।। झुका सकी ना मिल के ये दुनिया जिसे कभी। अपनों का जाना रोज़ रुलाता…
चांद से जा मोहब्बत करी चांदनी। रात काली अमावस अकेले रही।। याद में उसके मैं तो तड़पता रहा। वो तो साजन की बांहों में लिपटी रही।। ना कमी कोई मैंने…
हे राम ये हमने मान लिया, ग़लती हम सब ने की है। सुख वैभव के जाल मे फँस कर, याद तुम्हें ना की है। पर, स्वामी मेरे दया करो, अब…