झूठे करीब में मीत हो जब
उर के सुर विपरीत हो जब, झूठे करीब में मीत हो जब, साथ हो भीड़ रकीबों की, आदेश हो बुद्धिगरीबों की। सीधी राहों से कट लेना, ‘बागी’ की बातें रट…
उर के सुर विपरीत हो जब, झूठे करीब में मीत हो जब, साथ हो भीड़ रकीबों की, आदेश हो बुद्धिगरीबों की। सीधी राहों से कट लेना, ‘बागी’ की बातें रट…
ज्येष्ठ मास रीती सरिताएँ, रीते मन के क्षोभित कोने! सुलग रही हैं दसों दिशाएँ, चली चंचला उतान सोने!! ठुमुक-ठुमुककर बत्तखों जैसी, चाल भवानी की मतवाली! गदरानी कुम्हलाती बाँहें, कमसिन है…
ऋतु बसंत लेकर आया, रंग रंगीला फाग। नवपल्व की चुनर ओढ़े, उपवन करे सिंगार।। उपवन करे सिंगार, हुआ मौसम रंगीला। भौंरा मन मुस्काए, घुमे बन छैल छबीला।। कलियों के संग…
देख तुम्हारी अदा प्रिये, बिन पिये नशा छा जाता है। आने की तेरी आहट सुन, दिल झूम-झूम कर गाता है।। नभ से वसुधा पर आई हो, तुम परी हो कोई…
धवल चांदनी छिटक रही है, नूर समेटे बांहों में। चुपके से आ जाओ प्रियतम, नैन निहारे राहों में। मन में विरह का ताप बहुत है, दूर..! निंद का डेरा है।…
क़लम हमारी, हमसे बोली, कविता कोई, प्यारी लिख दो। विरह व्यथा तुम, बहुत लिख चुके, अब प्रेम प्यार पर, कुछ लिख दो।। गिरि से गिरते, निर्मल झरने, आलिंगन करते नदियों…
(भाग-१) प्रभु राम की विरासत, यूपी की राजधानी। तहज़ीब गंगा जमुनी, लखनऊ की निशानी।। शाम-ए-अवध की मस्ती, और दिलकशी नजारा। शाही शहर नबाबी, लखनऊ सबको प्यारा।। मन मोह लेता सबका,…
छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…
मैं सदा रहूंगा ऋणी तेरा, है जब-तक तन में प्रान प्रिये! कलम लिखेगी क्या उसको, है तुमने जो एहसान किये।। भटका हुआ एक, पथिक था मैं, तुमने मंजिल का सार…
बरसे सावन झूम-झूम के, पुरुआ के संग कजरी गाये। प्रेयसी के अंतर्मन में, प्रेम मिलन की आस जगाये।। ह्रदय तल के मौन भाव में, प्रेम नीर बनकर बरसे। पिया मिलन…