Pauranik Katha: राजा निमि की कथा

Pauranik Katha: श्रीरामचन्द्र जी बोले, हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें शाप से सम्बंधित एक अन्य कथा सुनाता हूँ। हमारे ही पूर्वजों में निमि नामक एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा…

भाई, दोस्त या समधी, जानिए श्रीकृष्ण और द्रौपदी के अनोखे रिश्तों की पूरी कहानी

Pauranik Katha: महाभारत के किरदारों में श्रीकृष्ण और द्रौपदी का रिश्ता सबसे खास और अनोखा था। आइए आज समझते हैं कि कैसे ये दोनों एक-दूसरे के लिए मित्र, भाई-बहन और…

Chhathi Maiya: कौन हैं ‘छठी मईया’ और कैसे हुआ छह मातृ शक्तियों से कार्तिकेय का जन्म

Chhathi Maiya: दीपावली के बाद आने वाले छठ पूजा के दौरान, हम जिस ‘छठी मईया’ की पूजा करते हैं, उनकी उत्पत्ति और पहचान भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के जन्म…

Pauranik Katha: एक चींटे में छुपा था इंद्र का अतीत!

Pauranik Katha: एक मजेदार और सोचने वाली घटना है भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी के साथ। एक बार की बात है, द्वारका में श्रीकृष्ण दातुन कर रहे थे और रुक्मिणी…

Pauranik Katha: सूर्य आराधना का अद्भुत फल

Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…

Pauranik Katha: कमल के फूल पर ही क्यों बैठती हैं माता लक्ष्मी

Pauranik Katha: महालक्ष्मी के चित्रों और प्रतिमाओं में उन्हें कमल के पुष्प पर विराजित दर्शाया गया है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है, साथ ही कमल के फूल पर विराजित…

Pauranik Katha: शंख से शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ाया जाता जल, जानें क्या है कहानी

Pauranik Katha: एक पौराणिक कथा के अनुसार शंखचूड़ नाम का महा पराक्रमी दैत्य था। शंखचूड़ दैत्यराम दंभ का पुत्र था। जब दैत्य राज दंभ को बहुत समय तक कोई संतान…

Pauranik Katha: कैसे शुरू हुए कृष्ण और शुक्ल पक्ष, जानें महत्व

Pauranik Katha: पंचांग के अनुसार हर माह में तीस दिन होते हैं और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्रमा की गति के अनुसार की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं…

Pauranik Katha: महाभारत में एक नहीं तीन कृष्ण थे, जानें चौंकाने वाला रहस्य

Pauranik Katha: महाभारत में कई रहस्य छुपे हुए हैं। आज भी ऐसे कई रहस्य हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते होंगे। आओ एक ऐसा ही रहस्य आपको आज हम…

Pauranik Katha: काल के महाकाल

Pauranik Katha: जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उस पर काल (मृत्यु) का अधिकार नहीं होता। अनधिकार चेष्टा करने से काल की भी मृत्यु हो…