Kavita: शुभ संकेत
भारत फिर से जाग रहा है विघटन दुर्गुण भाग रहा है। जगे रक्त वंश संबन्ध पुराने पुरखों का युग मांग रहा है।। तुर्क मुगल हैं नहीं हमारे मति भ्रम से…
भारत फिर से जाग रहा है विघटन दुर्गुण भाग रहा है। जगे रक्त वंश संबन्ध पुराने पुरखों का युग मांग रहा है।। तुर्क मुगल हैं नहीं हमारे मति भ्रम से…
परीक्षाओं में असफल हुए पुरुष अक्सर प्रेम में भी असफल हो जाते हैं। विवाह की पहली रस्म पुरुष की आय पूछना होती है दूसरी पुरुष की आयु तीसरी पुरुष का…
जिसके जीवन में राष्ट्र प्रथम, जिसके उर में था पला ताप। क्षण-क्षण राष्ट्र समर्पित था जो, रण बांकुरा अमर राणा प्रताप।। सब सुविधाएं त्याग जो बढ़ा, झुका न टूटा कभी…
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था व्यक्ति को मैं नहीं जानता था हताशा को जानता था।
रोटियाँ, चटनी और कांदों के साथ माँ थैले में रख देती है दो जोड़ी कपड़ों में तह करके आशा पश्चिम की ओर मुँह कर करती है तिलक लगाती है चावल…
मुनिया कॉलेज जाना चाहती थी मगर “गोल-गोल फूली हुई रोटी बनाना सीख लेना भी कोई पढ़ाई लिखाई से कम है क्या?” ऐसा आजी कहती है। बबुआ सपना बहुत देखता है!…
किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता दांव लगाने वाला भी शर्त नहीं पढ़ता गोरखधंधों से कमाने वाला इंसान जरूरतमंदों पर खर्च नहीं करता गीता, बाईबल, ग्रंथ, कुरान पढ़ने वाला…
उम्मीदें सबकी संभालते हुए ख्वाबों को टालते लड़के, पूरा ही खर्च हो जाते हैं खुद का समय निकालते लड़के घर का खाना, पिता की तबीयत यही जांचते लड़के, कुछ और…
फूल नहीं जानता वह कौन सा फूल है हवा भी कहाँ जानती है किस में कितनी क्षमता है जमीन भी कहाँ तय कर पाती है कौन सा फूल कब गिरेगा…
मैंने देखा है फिल्मों में वो लड़के जो बना करते हैं एक टूटी सी लड़की का सहारा कन्धा कहलाये जाते हैं। मारते हैं फटीक वो अपनी ही मोटरसाइकिलों पे बैठाकर…