तुम्हारी याद
पता नही क्यूं! आजकल, तुम्हारी याद आ रही है। ना चहते हुए भी, तेरी याद, दिला रही है।। साथ खेलना, साथ घूमना, एक साथ स्कूल जाना। तेरा रूठना मेरा मनाना,…
पता नही क्यूं! आजकल, तुम्हारी याद आ रही है। ना चहते हुए भी, तेरी याद, दिला रही है।। साथ खेलना, साथ घूमना, एक साथ स्कूल जाना। तेरा रूठना मेरा मनाना,…
हर दर्द को जो दिल में छुपाता चला गया। हर मुसकिलों में चुटकियाँ, बजाता चला गया।। झुका सकी ना मिल के ये दुनिया जिसे कभी। अपनों का जाना रोज़ रुलाता…