Poetry: सब बनिये पूर्ण समर्थ
शास्त्र सुरक्षित रहेंगे जीवंत रहे व्यवहार। उत्सव पूर्वक मनेंगे शांति मय त्योहार।। शस्त्र पूजन कीजिए नियमित हो अभ्यास। जीवन की शांति रहे है यही सनातन न्यास।। घर घर जाई देखिये…
शास्त्र सुरक्षित रहेंगे जीवंत रहे व्यवहार। उत्सव पूर्वक मनेंगे शांति मय त्योहार।। शस्त्र पूजन कीजिए नियमित हो अभ्यास। जीवन की शांति रहे है यही सनातन न्यास।। घर घर जाई देखिये…
Pauranik Katha: मार्कंडेय पुराण एवं श्री हरिवंश पुराण में वर्णित कथाओं के अनुसार कल्पान्त में भगवान श्री विष्णु क्षीर सागर में शेष शैया पर योगनिद्रा में निमग्न थे। तभी उनके…
Pauranik Katha: भगवान शिव पार्वती जी को बताते हैं कि एक समय कैकेय देश पर महान राजा सत्यकेतु का शासन था। इस राजा के दो पुत्र थे, प्रताप भानु और…
Pauranik Katha: महामुनि मेधा ने राजा सुरथ और समाधि वैश्य को महा सरस्वती का चरित्र इस प्रकार सुनाया। प्राचीन काल में शुम्भ और निशुम्भ नामक दो परम पराक्रमी दैत्य उत्पन्न…
नील कंठ का ध्यान कर शिव को करिए याद। हो सत्यम शिवम सुन्दरम नित घर घर में संवाद।। हित जिससे देवत्व का मिलि कीजे सोई काज। जिमि मानवता रक्षित रहे…
Pauranik Katha: लंका में महाबलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला। अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर…
Kahani: राजा महेन्द्रनाथ हर वर्ष अपने राज्य में एक प्रतियोगिता का आयोजन करते थे, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतियोगी भाग लिया करते थे और विजेता को पुरस्कार से सम्मानित…
Gorakhpur: पूर्वांचल हिन्दी मंच, गोरखपुर के तत्वावधान में रविवार को दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज, गोरखपुर के सभागार में साहित्यभूषण डॉ. आद्या प्रसाद द्विवेदी की निबन्ध कृति ‘गुलर के फूल’ का समारोह…
Pauranik Katha: पं. श्रीशान्तनु बिहारी द्विवेदी (स्वामी श्री अखण्डानन्द सरस्वती) जब लौकिक कार्य वश घर से रवाना हो रहे थे, तो उनकी माता जी ने उन्हें तीन शिक्षाएं दीं। पहली-…
Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उन के पुत्र जन्मजेय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों…