Kahani: कर भला तो हो भला

Kahani: जब रावण ने जटायु के दोनों पंख काट डाले तब काल उसको लेने आया। और जैसे ही काल आया गिद्धराज जटायु ने मौत को ललकार कहा, “खबरदार ये मृत्यु।…

Pauranik Katha: राजा विक्रमादित्य की कुल देवी हरसिद्धि माता की कथा

उज्जयिन्यां कूर्परं व मांगल्य कपिलाम्बरः। भैरवः सिद्धिदः साक्षात् देवी मंगल चण्डिका। Pauranik Katha: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्षराज ने विराट यज्ञ का भव्य आयोजन…

Praunik katha: यमराज के दरबार में जिन्दा मनुष्य

Praunik katha: कोई हाथी मरकर यमपुरी पहुँचा। यमराज ने हाथी से पूछा- इतना मोटा बढ़िया हाथी और मनुष्य लोक में पैदा होने के बाद भी ऐसे कंगले का कंगला आ…

Prerak Prasang: प्रयास जरूरी है

Prerak Prasang: एक व्यक्ति प्रतिदिन आकर महात्मा बुद्ध का प्रवचन सुना करता था। उसका यह क्रम एक माह तक बराबर चला पर इस सबका उसके जीवन पर कोई प्रभाव नहीं…

Kahan: मन मैला और तन को धोएं

Kahan: कुंभ स्नान चल रहा था। राम घाट पर भारी भीड़ लगी थी। शिव पार्वती आकाश से गुजरे। पार्वती जी ने इतनी भीड़ का कारण पूछा आशुतोष ने कहा, कुम्भ…

Kahani: गुरु मिले तो बंधन छूटे

Kahani: एक पंडित प्रतिदिन रानी को कथा सुनाने महल में जाया करते थे। कथा के अंत में प्रतिदिन कहते कि- राम सुमर ले तो बंधन छूटे। कई दिन कथा सुनने…

kahani: राम नाम की महिमा

kahani: एक बार एक गांव में बहुत से महात्मा आकर रूद्राभिषेक कर रहे थे और वट वृक्षों के पत्तों पर चंदन से श्रीराम का नाम लिखकर शिवजी को चढ़ा रहे…

Pauranik Katha: पतिव्रता गान्धारी की कहानी

Pauranik Katha: संसार की पतिव्रता देवियों में गान्धारी का विशेष स्थान है। ये गन्धर्वराज सुबल की पुत्री और शकुनि की बहन थीं, इन्होंने कौमार्यावस्था में भगवान शंकर की आराधना करके…

Gyan Ki Baat: भाव और सरलता पर रीझते हैं भगवान

Gyan Ki Baat: एक साधु थे उनका न कोई आश्रम, न धर्मशाला और न कोई ठिकाना था। जहाँ रात होती वहीं ठहर जाते और भिक्षा से जो मिलता उससे भगवान…

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