Pauranik Katha: जीवन का अंतिम सत्य
Pauranik Katha: भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है उसे मरना ही पड़ता है। यही जीवन चक्र…
Pauranik Katha: भगवान राम जानते थे कि उनकी मृत्यु का समय हो गया है। वह जानते थे कि जो जन्म लेता है उसे मरना ही पड़ता है। यही जीवन चक्र…
आचार्य प्रमोद दुबे पुरोहित शब्द अर्थात पद जनतंत्र में बाधक प्रतीत होता है, पुरोहित अत्यल्प संख्यक है, संख्या/ मात्रा की दृष्टि से हटाइए। गुण के कारण पुरोहित पद नहीं हटेगा।…
Gyaan Ki Baat: शास्त्रों में मनुष्य को प्रात:काल उठने के बाद धरती माता की वंदना करके ही भूमि पर पैर रखने का विधान किया गया है। पहले दायें पैर को…
Gyan Ki Baatein: रात्रि के अंतिम प्रहर के तत्काल बाद का समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार…
प्रश्न: पुनर्जन्म किसको कहते हैं? उत्तर: जब जीवात्मा एक शरीर का त्याग करके किसी दूसरे शरीर में जाती है तो इस बार बार जन्म लेने की क्रिया को पुनर्जन्म कहते…
Gyan Ki Baat: भगवान राम के तीखे वाणों से दशानन धराशायी हो गया। भगवान जानते थे कि एक महा ज्ञानी, पंडित और राजनीतिज्ञ आज संसार से जा रहा है। उन्होंने…
Gyan Ki Baat: भाग्य और पुरुषार्थ का रहस्य बहुत ही गूढ़ है। दोनों में कौन श्रेष्ठ है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके बारे में हर कोई जानने की इच्छा…
Pauranik Katha: एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द…
Pauranik Katha: वामन पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती घूमते हुए काशी पहुंच गए। वहां पर भगवान शिव अपना मुंह पूर्व दिशा की ओर करके बैठे…
Pauranik Katha: भगवान श्री गणेश गजमुख, गजानन के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उनका मुख गज यानी हाथी का है। भगवान गणेश का यह स्वरूप विलक्षण और बड़ा ही…