रवींद्र प्रसाद मिश्र

Sheeshmahal: वह इमानदार ही नहीं कट्टर इमानदार है। वह आदमी ही नहीं आम आदमी है। वह भ्रष्ट ही नहीं महाभ्रष्ट है। वह ठग ही नहीं महाठग है। ये सारी बातें आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर एकदम सटीक बैठती हैं। ऐसा हम नहीं कहते बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने इसे कर दिखाया है। दिल्ली में अन्ना आंदोलन के बहाने आम आदमी (Aam Aadmi Party) का चोला ओढ़कर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आम जनमानस को जिस तरह से ठगा है, इसका दूसरा और कोई उदाहरण हो ही नहीं सकता। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी कही बातों से जिस तरह पलटी मारी है और उसके बाद भी जनता में अपनी लोकप्रियता बरकरार रखी उसकी दाद देनी पड़ेगी। जनता को गुमराह करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ झूठा बोला, बल्कि झूठा शपथ पत्र भी दिया। भ्रष्ट राजनीति में बदलाव का भरोसा देकर आज राजनीति का सबसे भ्रष्ट चेहरा चुके अरविंद केजरीवाल की महत्वाकांक्षा इतनी बढ़ गई हैं कि वह आम आदमी के भरोसे को कुचल कर करोड़ों के शीशमहल (Sheeshmahal) में पहुंच गए हैं।

मुख्यमंत्री आवास के नाम पर शीशमहल (Sheeshmahal) बनवाकर अरविंद केंजरीवाल ने उन लोगों के सपनों को तोड़ने का काम किया है, जिन्हें यह भरोसा था कि केजरीवाल राजनीति में बदलाव लाएंगे। वीआईपी कल्चर खत्म करेंगे। गरीबों के लिए कुछ करेंगे। ऐसा नहीं है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने गरीबों के लिए काफी कुछ किया, जिससे उनके जीवन में बदलाव भी आए हैं। मोहल्ला क्लीनिक, बिजली बिल माफ, पानी का बिल माफ आदि सुविधाएं देकर केजरीवाल ने गरीब परिवारों की मदद की है। लेकिन इस मदद की कितनी बड़ी कीमत टैक्स पेयर्स को चुकानी पड़ रही है, उसे आप मुख्यमंत्री आवास शीशमहल (Sheeshmahal) की सुख-सुविधाओं को देखकर समझ सकते हैं।

झूठे वादे और कसमें खाईं

ऐसा नहीं है अरविंद केजरीवाल अकेले ऐसे मुख्यमंत्री है, जिन्होंने सुख-सुविधाओं से लैस मुख्यमंत्री आवास बनवाया है। देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री आवास भव्य और दिव्य है। लेकिन अरविंद केजरीवाल एकलौते ऐसे मुख्यमंत्री है, जिन्होंने इन सुविधाओं के खिलाफ आवाज उठाई थी और खुद इस तरह की सुविधा न लेने का शपथ पत्र भी दिया था। ये वही अरविंद केजरीवाल हैं, जो राजनीति में आने से पहले अपने बच्चे की कसम खाई थी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। वक्त और हालात को समझते हुए कसम को दरकिनार कर अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़े और जीते भी। उन्होंने कहा था कि उन्हें सुरक्षा नहीं चाहिए। लेकिन लगातार जनता से मिल रहे थप्पड़ के चलते उन्होंने न सिर्फ सुरक्षा ली, बल्कि प्राइवेड गार्ड भी रख लिए।

मंहगी गाड़ियों का विरोध करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं। उन्होंने चार कमरों से ऊपर मकान न लेने का शपथ पत्र दिया था, जिसके बदले में शीशमहल के रूप में अनका आलीशान महल बनकर तैयार है। अरविंद केजरीवाल कितना बड़ा झूठा मुख्यमंत्री है, इसे आप इसी से समझ सकते हैं। बताया जा रहा है के अरविंद केजरीवाल के इस शीशमहल में जनता के टैक्स के पैसों को पानी की तरह बहा दिया गया है। करोड़ों के शीश महला में लाखों रुपये के पर्दे लगे हैं। लाइट, दरवाजा, पंखा, पर्दे सब रिमोट व सेंसर से चालित हैं। सवाल यह नहीं कि इतनी सुख-सुविधाएं केजरीवाल को क्यूं। सवाल यह है कि केजरीवाल को जब राजभोग करना था, तो आम आदमी होने का ढोंग क्यों।

आम आदमी को बनाया हथियार

राजनीति शुरू से ही गंदी मानी गई है। यहां कहा कुछ और जाता है और होता कुछ और है। किसान-गरीब की बात करने वाले नेता कब करोड़पति बन गए पता ही नहीं चला। आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गरीब-किसान की जगह आम आदमी को अपना हथियार बनाया और कम समय में राजनीति में वह मुकाम हासिल किया जहां पहुंचने के लिए कई ने अपना जीवन खपा दिया। राजनीति में अच्छे नेता देखने को कम पढ़ने को ज्यादा मिलते हैं। लेकिन अब जब भ्रष्ट नेताओं का नाम लिया जाएगा तो अरविंद केजरीवाल का नाम सबसे ऊपर आएगा। क्योंकि अरविंद केजरीवाल जो यह कहते थे कि आरोप लगते ही नेताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए, उन्हीं की पार्टी के कद्दावर नेता भ्रष्टाचार के आरोप में आज सलाखों के पीछे हैं, और अरविंद केजरीवाल उन्हें कट्टर इमानदार बताने की कुचेष्टा कर रहे हैं।

नवभारत ने खोली पोल

मजे की बात यह कि मीडिया और राजनीति का वह धड़ा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार पर चुप है जो जरा-जरा सी बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने लगता है। उन्हें अरविंद केजरीवाल के झूठ में झूठ और भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा। हालांकि सबकुछ कभी खत्म नहीं होता। कुछ हैं जो ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठाने का मादा रखते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया नवभारत के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने। उन्होंने न सिर्फ अरविंद केजरीवाल के शीशमहल का पर्दाफाश किया बल्कि एक जिम्मेदार पत्रकार की तरह उसका पूरा ब्यौरा भी दिखाया। अब जनता को सोचना होगा कि वह सच का साथ देगी या फिर झूठ पर झूठ बोलने वाले का। अगर झूठ बोलने और धोखा देने वालों का साथ देना है, तो सच्चाई-इमानदारी की बात भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि सिर्फ बात करने से हालात नहीं बदलेंगे। हालात बदलने के लिए अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। सच का साथ देने की कीमत भी चुकानी पड़ती है। शायद यही वजह है सच्चाई की बात हर कोई करता है, लेकिन सच के साथ कुछ लोग ही नजर आते हैं। सच दिखाने की कीमत नवभारत को चुकानी पड़ रही है। आम आदमी पार्टी के गुंडे नवभारत के रिपोर्टर से न सिर्फ बदतमीजी कर रहे हैं, बल्कि मारपीट पर उतारू हैं।

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पंजाब पुलिस ने नवभारत की महिला रिपोर्टर को बनाया बंधक

शीशमहल का खुलासा करने की बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इतनी अखर गई है कि वह अपने बाउंसर से नवभारत के रिपोर्टरों पर हमले करवा रहे हैं। सत्ता के नशे में चूर केजरीवाल मामले में सफाई देने की जगह गुंडई पर उतारू हो गए हैं। पंजाब में उनके कार्यक्रम को कवर करने गई नवभारत की महिला पत्रकार भावना किशोर को पंजाब पुलिस ने गाड़ी समेत अगवा कर लिया है। देर रात तक पुलिस ने भावना को कहां ले गई है, इसका पता नहीं चल सका। नवभारत की तरफ से पुलिस के आला अधिकारियों से बात की गई, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा। सरकार के इशारे पर पंजाब का पूरा तंत्र कानून से ऊपर हो गया है। ऐसे में महिला पत्रकार भावना किशोर के साथ कोई अनहोनी घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदार पंजाब सरकार के साथ वहां की पुलिस होगी।

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