लखनऊ। इस बार शनि जयंती 10 जून 2021 दिन गुरूवार को मनाई जाएगी। शनिदेव को कर्म फलदाता कहा जाता है। शनिदेव सभी को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। हालांकि शनि की साढ़े साती महादशा का नाम सुनते ही लोग घबराते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को सूर्य छाया पुत्र शनि का जन्म हुआ था, इसलिए प्रत्येक वर्ष इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। यह दिन शनि देव को प्रसन्न करने के बहुत ही महत्व रखता है। इस दिन विधि-विधान से पूजन करने पर शनिदेव की विशेष कृपा मिलती है एवं समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलती है। दस जून को सूर्य ग्रहण भी लगने से शनि जयंती इस बार बहुत ही खास है। हालांकि यह ग्रहण आंशिक होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा। ज्योतिष के अनुसार आंशिक ग्रहण होने के कारण भारत में इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और न ही किसी राशि पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इस समय अपने पिता सूर्य की चाल के कारण शनि अपनी स्वयंराशि मकर में वक्री हैं और शनि जयंती पर ही सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ऐसा संयोग 148 साल पहले 26/05/1873 में बना था। यह ग्रहण विश्व के कुछ भाग जैसे उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर में कंकणाकृति सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। भारतीय समयनुसार दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर सूर्य ग्रहण आरंभ होगा जो शाम को 06 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगा। जानते हैं कि किस तरह कर सकते हैं शनिदेव को प्रसन्न और कब बना था ऐसा संयोग।

शनि जयंती 2021 जेष्ठ अमावस्या मुहूर्त :
अमावस्या तिथी आरंभ: 14:00:25 (9 जून 2021)
अमावस्या तिथी समाप्ती: 16:24:10 (10 जून 2021)

इस तरह करें शनि को प्रसन्न

इस समय शनि अपनी स्वराशि मकर में वक्री हैं इसलिए कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती तो कुछ पर ढैय्या चल रही है ऐसे में शनि जयंती पड़ना इन जातकों के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है। शनि जयंती के दिन जातक कुछ कार्यों को करके शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं और शनि साढ़े साती एवं ढैय्या के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पा सकते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान भक्तों पर शनि अपनी अशुभ दृष्टि नहीं डालते हैं, इसलिए जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या, महादशा या अशुभ प्रभाव पड़ रहा है उन्हें हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। इसके साथ ही हनुमान जी की तरह आचरण अपनाकर शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है।

शनि जयंती पर इन उपायों को करने से होगा लाभ

  • शनि जयंती के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से शुभ फल मिलते है।
  • शनिदेव से संबंधित वस्तुएं जैसे तेल, काली उड़द, काला वस्त्र, लोहा, काला कंबल दान करने से लाभ होता है।
  • शनि जयंती के दिन भगवान शंकर व हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  • शनि जयंती के दिन शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए सुबह जल्दी स्नान आदि करके शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
  • एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर तेल सहित उस कटोरी शनि मंदिर या शनि का दान लेने वालों को दान करने से लाभ मिलता है।
  • शनि मंत्रों ॐ शं शनैश्चराय नम:। ॐ निलांजन समाभासम रविपुत्रम यमाग्रजंम। छायामार्तंड संभूतम तमः नमामि शनेश्चरम। का जाप करने से भी लाभ मिलने की मान्यता है।

शनिदेव को यह पसंद नहीं

भगवान शनि को पसंद नहीं है जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना, अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना, चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना, ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना। सफाईकर्मी और अपंगों का अपमान करना आदि। यदि आपने इस बात को समझकर अपने आचरण सही रखे तो शनिदेव से डरने की जरूरत नहीं।

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