प्रकाश सिंह
कुशीनगर: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए एक तीर से कई निशाने साधे हैं। कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे आरपीएन सिंह को पार्टी में शामिल (RPN Singh joins BJP) कराकर भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। वहीं इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका भी माना जा रहा है। आरपीएन सिंह शुरू से ही कांग्रेस में रहे हैं और मोदी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर पहली बार पार्टी बदलते हुए भाजपा में शामिल हुए है। आरपीएन सिंह रजवाड़े खाना के साथ राजनीतिक परिवार से भी ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता स्व. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी की सरकार में राज्य मंत्री थे। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले मंगलवार को भाजपा छोड़कर पार्टी के अमंगल करने के संकेत दिए थे, तो इस मंगलवार भाजपा ने आरपीएन सिंह को पार्टी में शामिल कराकर कर पडरौना सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को मुश्किल में डाल दिया है।
गौरतलब है कि कुंवर आरपीएन सिंह राज घराने से ताल्लुक रखते है, जिनका क्षेत्र में काफी प्रभाव है। वह राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे। कांग्रेस के बैनर तले तीन बार विधायक रहे आरपीएन वर्ष 2009 में तत्कालीन पडरौना सीट से लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं और यूपीए-2 की सरकार में गृह राज्यमंत्री और सड़क परिवहन मंत्री रह चुके है।
मोदी लहर में करना पड़ा हार का सामना
आरपीएन सिंह वर्ष 2014 और 2019 में मोदी लहर में कांग्रेस के बैनर तले लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना कर चुके हैं। हालांकि वर्ष 1996 से लेकर 2009 तक कुशीनगर जिले की पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। इसके बाद 2009 में कांग्रेस के टिकट पर कुशीनगर से आरपीएन ने यूपी में तत्कालीन बसपा सरकार के नेता व प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या को हराकर लोकसभा पहुंचे थे। इसी के साथ आरपीएन सिंह यूपीए सरकार में रोड एवं ट्रांसपोर्ट, पेट्रोलियम एवं गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं।
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कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था नाम
कांग्रेस के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह के लिए सबसे ज्यादा चैंकाने वाली बात ये सामने आ रही है कि, इनका नाम कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल था। लेकिन अचानक उन्होंने भाजपा में शामिल होकर उन्होंने कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया है। खैर जो भी हो, भाजपा ने तो सेंध मार ही ली। यूपी में पूर्वांचल के पडरौना के रहने वाले आरपीएन सिंह वर्तमान में कांग्रेस के झारखंड प्रदेश के प्रभारी हैं। यहीं नहीं, आरपीएन के पिता स्व. सीपीएन सिंह इंदिरा गांधी सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रहे थे। इसलिए इनका कांग्रेस में काफी प्रभाव भी माना जाता है।
कौन हैं आरपीएन सिंह
आरपीएन सिंह पडरौना विधानसभा सीट से वर्ष 1996, 2002 और 2007 में तीन बार कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं। वह चार बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन सफलता सिर्फ एक बार मिली है। 1999 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। 2004 में वे दूसरे स्थान पर रहे थे। 2009 के लोकसभा चुनाव में रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) जीते और यूपीए-2 की सरकार में भूतल परिवहन व सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री व गृह राज्य मंत्री रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को भाजपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय ने 85540 हजार मतों से पराजित किया था। आरपीएन, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद हैं। आरपीएन करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रहे। यूपीए- 2 की सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे। वह यूपी के कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं। झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी थे। यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह पूर्व सांसद व रक्षा राज्यमंत्री सीपीएन सिंह के बेटे हैं।
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