लखनऊ: कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व कर बड़े चेहरे के रूप में उभरे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का नाम ’21 सेंचुरी आइकन अवॉर्ड’ के लिए चुना गया है। बता दें कि यह अवॉर्ड लंदन की स्क्वायर वाटरमेलन कंपनी की तरफ से हर साल चुनिंदा लोगों को दिया जाता है। भारतीय किसान यूनियन के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष राजबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पुरस्कार 10 दिसंबर को दिया जाएगा। उधर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि पुरस्कार लेने मैं लंदन नहीं जा रहा हूं, क्योंकि मैं किसानों के आंदोलन में व्यस्त हूं। उन्होंने कहा कि वह यह पुरस्कार तब लेंगे जब किसानों की मांगे मान ली जाएंगी।

गौरतलब है कि किसान आंदोलन के सामने झुकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। बावजूद इसके किसानों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने और आंदोलन के दौरान मारे गए 700 किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सरकार जब तक उनकी मांग पर पहल नहीं करती है, उनका प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा। हालांकि सरकार की तरफ से किसानों से प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की जा रही है।

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बता दें कि बीते दिनों कृषि कनूनों की वापसी का एलान करते हुए किसानों से माफी भी मांगी थी। प्रधानमंत्री ने यह भी स्वीकार किया था कि नए कृषि कानूनों के फायदे के बारे में वह किसानों को समझा पाने में वह असफल रहे। ऐसा माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री के इस एलान के बाद किसानों का धरना समाप्त हो जाएगा, लेकिन किसान अभी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालांकि दिल्ली की सीमाओं पर जमे प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या में कमी देखी जा रही है।

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