प्रातः नमन करें हम उनको
जिनसे जीवन की गति चलती।
जिनके होने से हम जग में
जिनसे कर्म शक्ति है फलती।।

नमन नित्य हम प्रातः करते
परम प्रभू फिर धरती माता।
मातु-पिता है नमन बड़ों को
नमन उन्हें जिनसे सुख पाता।।

हैं सूर्य वायु जल वृक्ष हमारे
जिनके साथ है जीवन पलता।
जीवन-जंतु दृश्य-अदृश्य जो
है जिनके होने से जग चलता।।

आओ नमन करें हम उनको
जिनसे जीवन संस्कृति पाई।
मानव बने सुसंस्कृत होकर
जिनसे देवत्व मार्ग विधि आई।।

– बृजेंद्र

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