राम का उत्सव मनाने
बढ़ रहा है विश्व सारा।
कर्तव्य पथ पर हम बढ़ें
सौभाग्य युग है हमारा।।
प्रेरणा के दीप हम हों
विश्व में जगमग उजाला।
आनन्दमय वातावरण हो
कृतित्व हो ऐसा निराला।।
काम छोटा या बड़ा हो
दृष्टि उसमें राम मय हो।
सफ़लता के शिखर हों
न्याय की सर्वत्र जय हो।।
कण-कण में हो प्रखरता
सभी का व्यक्तित्व जागे।
राष्ट्र हित हो सभी सम्भव
भगीरथ कृतित्व जागे।।
– बृजेंद्र
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