नई दिल्ली। फिलिस्तीन और इजराइल के बीच जारी संषर्घ के चलते दुनिया के अन्य देश भी अलग खेमे में बंटते नजर आ रहे हैं। वहीं दोनों देशों के बीच जारी खूनी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों तरफ से जारी बमबारी में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। दोनों देशों के इस आक्रामक कार्रवाई ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है और दुनिया के देशों के बीच खेमे बाजी शुरू हो गई है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता हे कौन सा देश किसके पक्ष में है।

अमेरिका सहित 25 देश फिलिस्तीन के खिलाफ

इजराइल से अमेरिका की निकटता किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में सबसे पहले अमेरिका का जिक्र होना भी लाजिमी है। तो वहीं अमेरिका ने शुरू में ही फिलिस्तीन के रॉकेट हमले के विरोध में इजराइल के आत्मरक्षा की कार्रवाई का समर्थन किया है। जबकि राजनयिक स्तर पर संघर्ष विराम की कवायद चल रही है। अमेरिका ने दोनों पक्षों के जारी संघर्ष पर हल की अपनी प्रतिबद्धता जताई है।

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इसी के साथ ही यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी इजराइल के समर्थन में हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन में इजराइल के हमलों का विरोध करने की मांग और प्रदर्शन कड़ा रुख दिखाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि हमारे समाज में कट्टरता के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं ब्रिटेन के यहूदियों के साथ खड़ा हूं। वहीं फ्रांस में भी फिलिस्तीनियों के समर्थन में मार्च को सरकार ने खारिज कर दिया। विरोध प्रदर्शन पर रोक के चलते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कुछ जगहों पर झड़प देखने को मिला।इतना ही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजराइल के आत्मरक्षा का बचाव भी किया। फिलहाल फ्रांस की तरफ से इजराइल और फिलिस्तीन दोनों ही पक्षों से शांति बरतने की अपील की गई है।

इसी क्रम में जर्मनी भी इजराइल के समर्थन में खड़ा हो गया। इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने समर्थन में आए ऑस्ट्रेलिया, अलबेनिया, ऑस्ट्रिया, कोलंबिया, साइप्रस, ब्राज़ील, कनाडा, जॉर्जिया, हंगरी, इटली, स्लोवेनिया और यूक्रेन सहित दुनिया के 25 देशों का धन्यवाद कहा है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हुए इजराइल के आत्मरक्षा का बचाव किया और फिलिस्तीनियों की सुरक्षा की चिंता भी जताई।

फिलिस्तीन के समर्थन में खुलकर आए इस्लामिक देश

वहीं दूसरी तरफ इस्लामिक देशों ने इजराइल की कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताया है। सऊदी अरब, पाकिस्तान, कुवैत तुर्की, ईरान और खाड़ी के कई देशों ने फिलिस्तीन का पक्ष लिया। इसी के साथ ही तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन ने एक कदम आगे बढ़कर इजराइल को सख्त चेतावनी भी दे डाली है। उन्होंने सख्त लहजों में कहा, पूरी दुनिया भी खामोश हो जाए तो भी तुर्की अपनी आवाज उठाता रहेगा। साथ ही उन्होंने इजराइल पर प्रतिबंध लगाने तक की मांग की। इसी के साथ ही सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर फिलिस्तीन के साथ खड़ा होने की बात कही है।

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