इस्लामाबाद। पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों को लेकर हमेशा चर्चा में बना रहता है। इस बार वहां से ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। अब इस देश में रेप पीड़िता को मडिकल जांच करने के लिए निधारित शुल्क चुकाना होगा। इतना ही नहीं सामान्य लोगों को शवों के पोस्टमार्टम के लिए भी शुल्क जमा करना पड़ेगा। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक खबर के मुताबिक खैबर मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट की ओर से रेप पीड़िता के मेडिकल जांच के लिए 25 हजार और सामान्य शवों के पोस्टमार्टम के लिए पांच हजार रुपए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा है।
खबर के मुताबिक यह फैसला 14 फरवरी को प्रबंधन समिति की ओर से आयोजित एक बैठक में लिया गया है। इस बैठक में 17 ऐसे नए शुल्कों को मंजूरी दी गई। समिति के इस फैसले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पुलिस महकमे के पास पहले से ही एक सीमित जांच बजट होता है, ऐसे में इस तरह के उच्च शुल्क की शुरुआत होने से स्थानीय पुलिस थानों की ओर से पीड़ित परिवारों को न केवल पोस्टमार्टम, बल्कि डीएनए टेस्ट और रेप पीड़िताओं के मामले में मेडिकल टेस्ट के लिए शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
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एक अधिकार कार्यकर्ता तमूर कमल इस बारे में कहते हैं कि जब आप अपनी शिकायत लेकर किसी पुलिस स्टेशन में जाते हैं, तो अक्सर आपसे पुलिस वाहनों के डीजल का भुगतान करने के लिए कहा जाता है। ऐसे में अब पुलिस आम जनता से ऑटोप्सी और यहां तक कि बलात्कार पीड़ितों के मेडिकल टेस्ट का शुल्क भरने को भी कहेंगे। ऐसे में इसे उचित निर्णय कतई नहीं कहा जा सकता। प्रस्तावित योजना के अनुसार शवों को कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए भी प्रति 24 घंटे के हिसाब से 1,500 रुपए का शुल्क तय किया गया है। जबकि डीएनए परीक्षण के लिए 8,000 रुपए की राशि निर्धारित करने का प्रस्ताव है।
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