Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा दांव चल दिया है। सीएम नीतीश कुमार की इस पहल को राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। गुरुवार को बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पास हो गया है। बिहार विधानसभा में इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया था। इसके बाद सदन ने इस विधेयक को सर्वसम्मति से पास कर दिया। बता दें कि इससे पहले आरक्षण का दायरा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में रखा था।
गौरतलब है कि बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने और नई जातीय स्थिति के बाद यह मांग तेज हो गई थी कि पिछड़ा अतिपिछड़ा की जनसंख्या में इजाफा हुआ है। इसको देखते हुए अब आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। विधानसभा से पास होने के बाद अब यह विधेयक विधान परिषद में पेश किया जाएगा। परिषद से विधेयक पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद आरक्षण की नई स्थिति को लेकर सरकार नियमावली बनाएगी।
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बता दें कि आरक्षण को लेकर बिहार में अब एक नया विवाद शुरू हो गया है। सरकार की तरफ से बताया जा रहा है कि ईडब्ल्यूएस के दायरे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। बताया जा रहा है आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, सवर्णों में भूमिहार सबसे गरीब हैं। अब इसके आधार पर ये मांग भी उठने लगी है कि गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण के 10 फीसदी के दायरे को बढ़ाया जाना चाहिए। बिहार विधानसभा में जदयू विधायक संजीव सिंह और कांग्रेस विधायक नीतू सिंह ने ईडब्ल्यूएस का दायरा बढ़ाने की आवाज बुलंद की। बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पास होने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सदन की सहमति से सभी नौ दल प्रधानमंत्री से मिलने गए थे, जिसके बाद जातीय गणना कराई गई। इसके बाद आरक्षण में अब संशोधन किया गया है।
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