लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी के भाई ने सिद्धार्थ विश्‍वविद्यालय में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने का उन्होंने व्यक्तिगत कारण का हवाला दिया है। वहीं विवि के कुलपति प्रो. सुरेन्‍द्र दुबे ने उनका इस्‍तीफा स्‍वीकार भी कर लिया है। बता दें कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में मंत्री के भाई डॉ. अरुण की नियुक्ति ईडब्ल्यूएस कोटे से हुई थी। इस बात की जानकारी होने पर विवाद खड़ा हो गया था। उनके इस्तीफा देने की वजह यही विवाद बताया जा रहा है। मंत्री के भाई डॉ. अरुण पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी के नौकरी में रहते हुए जिन्हें करीब 70 हजार रुपए मासिक से ज्‍यादा वेतन मिल रहा है, इसके बावजूद गलत ढंग से ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट हासिल किया था।

गौरतलब है डॉ. अरुण भी पूर्व में वनस्थली विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे। वहीं इस्‍तीफा देने बाद डॉ. अरुण द्विवेदी ने कहा कि वह व्‍यक्तिगत कारणों से अपना इस्‍तीफा दे रहे हैं। बता दें कि मंत्री के भाई की ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) में नियुक्ति के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। विपक्षी दलों की तरफ से इस मामले पर सियासत तेज हो गई थी। आम आदमी पार्टी की तरफ से बाकायदा आंदोलन तक शुरू कर दिया गया था। वहीं मामले के तूल पकड़ते ही राजभवन ने भी सिद्धार्थ विवि के कुलपति से पूरे मामले में जवाब-तलब किया था। जानकारी के मुताबिक डॉ. अरुण द्विवेदी ने सिद्धार्थ विवि के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 21 मई को ज्वाइन किया था। उनके ज्वाइनिंग के तुरंत बाद ही विवाद शुरू हो गया था। सोशल मीडिया में तो बाकायदे अभियान छेड़ दिया गया।

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इस मामले में मंत्री सतीश द्विवेदी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत ढंग से अपने भाई की नियुक्ति विवि में करा दी। इसके अलावा राजभवन से जवाब-तलब किए जाने के बाद विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अधिकारी राजभवन को जवाब तैयार करने में जुटे थे। हालांकि कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे की तरफ से कहा जा रहा है कि राजभवन से मंत्री के भाई की नियुक्ति के संदर्भ में जो भी जानकारी मांगी गई थी, उसे भेज दिया गया है।

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