Lucknow: उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब खिलाड़ियों को भी इलाज मिलेगा। इसके लिए सभी मेडिकल कॉलेजों में स्पोर्ट्स इंजरी विभाग (Sports Injury Department) खुलेगा। इसमें खेल-कूद के दौरान लगने वाली चोट का इलाज मिलेगा। दूरबीन विधि से ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

चुनिंदा कॉलेजों में है इलाज की सुविधा

अभी प्रदेश के चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में खिलाड़ियों के इलाज की सुविधा है। इसमें किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) व मेरठ मेडिकल कॉलेज समेत दूसरे मेडिकल संस्थान शामिल है। खिलाड़ियों को उनके जिले में बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में कवायद शुरू की गई है। इस संबंध में सभी मेडिकल कॉलेजों में स्पोर्ट्स इंजरी विभाग खोला जाएंगे। इसमें दूरबीन विधि से ऑपरेशन की सुविधा भी होगी। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के मानकों के आधार पर विभाग या यूनिट का संचालन किया जाएगा। इसके लिए कॉलेज प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

कुश्ती, क्रिकेट, हॉकी, वॉलीबॉल, फुटबॉल समेत दूसरे खेलकूद की गतिविधियों में खिलाड़ियों को चोट लग जाती है। समुचित इलाज के लिए खिलाड़ियों को काफी भटकना पड़ता है। इसमें खिलाड़ियों का काफी समय बेकार हो जाता है। समय पर इलाज न मिलने से काफी दिक्कतें होती हैं। दर्द भी सहन करना पड़ता है। सभी मेडिकल कॉलेजों में खिलाड़ियों को इलाज मिलने से काफी राहत मिलेगी।

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इस संदर्भ में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि आम जनमानस के साथ प्रदेश के खिलाड़ियों को भी बेहतर उपचार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। इसमें ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध होगी। इस दिशा में मेडिकल संस्थानों को जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जायेगा। केजीएमयू व दूसरे संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगे।

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