Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले I.N.D.I.A गठबंधन में दरार पड़नी शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से एक भी सीट न दिए जाने खफा अखिलेश यादव की तिलमिलाहट अब मीडिया में आने लगी है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेताओं में जुबानी जंग भी तेज हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयानों से यह लगने लगा है कि लोकसभा चुनाव 2024 में वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की तरफ से डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। बावजूद इसके तल्खियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का कांग्रेस को लेकर गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) के आजमगढ़ (Azamgarh) को लेकर दिए गए बयान से अखिलेश यादव खासा नाराज चल रहे हैं। आजमगढ़ का जिक्र करके अजय राय ने अखिलेश यादव की कमजोर नस दबा दी है। अजय राय के बयान से नाराज अखिलेश यादव ने कांग्रेस (Congress) को चेतावनी दे डाली कि वो सोच समझकर टिप्पणी करें, नहीं तो फिर ऐसा ही सुनने के लिए भी तैयार हो जाएं। अखिलेश यादव ने ‘इंडिया’ (I.N.D.I.A) से अलग होने का इशारा करते हुए संकेत दे दिया है कि विपक्षी गठबंधन से पहले उनका पीडीए बन गया था और पीडीए ही एनडीए को हराएगा।

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अखिलेश यादव ने कहा है कि पीडीए पहले बना इसके बाद ‘इंडिया’ गठबंधन बना है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी हमने कई मौकों पर कहा कि इंडिया गठबंधन जरूर हैं, लेकिन हमारी स्ट्रेटजी पीडीए है। एनडीए को पीडीए ही हराएगा। अखिलेश ने कहा आजमगढ़ से समाजवादियों का गहरा नाता है। अगर कोई आजमगढ़ पर कुछ बोलेगा तो उसे सुनने के लिए भी तैयार रहना होगा। उन्होंने अजय राय का नाम लिए बगैर कहा कि कांग्रेस के नेता सोच समझ कर बोले, नहीं तो उनको इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

रायबरेली और अमेठी में खेला करने का संकेत

अखिलेश यादव ने कहा कि आजमगढ़ से समाजवादियों का वही रिश्ता है जो कांग्रेस का अमेठी और रायबरेली से हैं। उन्होंने कहा कि हमने कभी रायबरेली अमेठी पर टिप्पणी नहीं की, तो उन्हें भी आजमगढ़ पर बोलने से पहले सावधान रहना चाहिए। आजमगढ़ से हमारा भी वहीं इमोशन और भाव है जो उनका अमेठी और रायबरेली से है। बता दें कि अखिलेश यादव 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से चुनाव जीते थे। लेकिन वर्ष 2022 में विधायक बनने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा हार गई। ज्ञात हो कि इसी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने निशाना साधते हुए कहा था कि अगर अखिलेश इतने मजबूत हैं तो वो आजमगढ़ में कैसे हार गए।

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