हरिशंकरी रोपित करो
बनो हरियाली के मित्र
जलवायु भी ठीक हो
बदले धरती का चित्र
बदले धरती का चित्र
ताप भी कम हो जाये
मानवता के साथ ही
पशु पक्षी अश्रय पाये
जल कलश बनेगा एक
भूमि जल स्वतः बढ़ेगा
हो पशु पक्षी का भंडारा
धर्मशाला सुखद गढ़ेगा
तुम्हें मिलेगा बहु पुण्य
यहां ब्रह्मा विष्णु महेश
पूजा पूरी हो जाएगी
स्व धर्म में होय प्रवेश
– बृजेंद्र
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