श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 24 जून को जम्मू-कश्मीर मामले को लेकर प्रदेश के क्षेत्रीय दलों की सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में शामिल होने से पहले मंगलवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुपकार गुट की एक बैठक हुई। इस बैठक में गहन मंथन के बाद सभी नेताओं ने पीएम मोदी की बैठक में शामिल होने के लिए अपनी रजामंदी दिखाई है। इस बैठक में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित 7 नेता शामिल हुए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि हमें उम्मीद है कि हम प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष अपनी बात को रखेंगे। उन्होंने कहा कि 24 जून को बैठक समाप्त हो जाने के बाद हम बताएंगे कि हमने क्या कहा और उन्होंने क्या कहा। बैठक में शामिल होने की बात पर फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि जिन्हें भी बुलाया गया है वो सब बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से बैठक का कोई भी एजेंडा नहीं बताया गया है। इसलिए इस बैठक में किसी भी बात पर चर्चा की जा सकती है।

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वहीं गुपकार संगठन के नेता मुजफ्फर शाह ने कहा कि बैठक में हम अपना हक व अधिकार मांगेंगे। जो हमारा रहा है वह हमें मिलना चाहिए। बैठक के एजेंडे के सवाल पर उन्होंने इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बैठक में हम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के हक की वकालत करेंगे। उन्होंने धारा 370 और 35ए पर चर्चा किए जाने के भी संकेत दिए।

इसी क्रम में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमें वार्ता से कोई ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के दौरान मुल्क के सभी हिस्सों से कैदियों को रिहा किया गया। जम्मू-कश्मीर में बंद सियासी व अन्य कैदियों की भी रिहाई की जानी चाहिए थी।

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