नई दिल्ली: भारतीय जन संचार संस्थान (Indian Institute of Mass Communication) के शैक्षणिक भ्रमण पर आए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ट्रेनिंग एंड रिसर्च (एनआईपीएचटीआर), मुंबई के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि स्वस्थ भारत के निर्माण में स्वास्थ्यकर्मियों का अहम योगदान है। हम सब उन सभी स्वास्थ्यकर्मियों, डॉक्टरों, नर्सों के ऋणी हैं, जो पूरी निष्ठा से लगातार मानवता की सेवा कर रहे हैं।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कोरोना काल में नर्सों की भूमिका बढ़ गई है। आज भी कई ऐसी नर्स हैं, जो जान हथेली पर लेकर अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता धर्म भी निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोरोना से लड़ने में स्वास्थ्यकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। धरती पर सिर्फ मेडिकल प्रोफेशनल्स को ही भगवान का दर्जा प्राप्त है, जो बताता है कि आज भी स्वास्थ्यकर्मियों पर समाज को विश्वास है।

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आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार भारत की उपलब्धियां आज सिर्फ अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली और पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमने दुख किसी को नहीं दिया, लेकिन दूसरों का दुख कम करने में हमारा मेडिकल स्टाफ लगा हुआ है। यही भारत का दर्शन है।

विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रो. सुनेत्रा सेन नारायण ने कहा कि संचार के माध्यम से आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में बताकर उनको प्रभावी ढंग से जागरूक एवं उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में युवा सोशल मीडिया का बहुत उपयोग कर रहे हैं। इसका उपयोग कर समाज के बड़े वर्ग को स्वास्थ्य मुद्दों के लाभ के संबंध में बताया जा सकता है।

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इस अवसर पर अंग्रेजी पत्रकारिता विभाग की पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. संगीता प्रणवेंद्र ने कहा कि कोरोना महामारी का मुकाबला करना कोई आसान बात नहीं थी। महामारी की रोकथाम में सभी स्वास्थ्यकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कोरोना काल में भारत के मेडिकल स्टाफ ने एकजुटता के साथ दिन-रात समर्पण भाव से कार्य किया है, जिसके चलते कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित किया गया।

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कार्यक्रम में आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, डीन (स्टूडेंट वेलफेयर) प्रो. प्रमोद कुमार, डॉ. राकेश उपाध्याय, डॉ. मीता उज्जैन, डॉ. पवन कौंडल, डॉ. रचना शर्मा, डॉ. प्रतिभा शर्मा, एनआईपीएचटीआर के संयुक्त निदेशक डॉ. सुधीर वझे, सुश्री नकुशा सैंदने एवं राजाराम गावड़े भी उपस्थित थे।

आईआईएमसी की अपनी इस यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने भारतीय जन संचार संस्थान के संकाय सदस्यों के साथ स्वास्थ्य संचार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। विद्यार्थियों ने संस्थान के पं. युगल किशोर शुक्ल ग्रंथालय एवं ज्ञान संसाधन केंद्र तथा आईआईएमसी द्वारा संचालित कम्युनिटी रेडियो ‘अपना रेडियो 96.9 एफएम’ का भी दौरा किया।

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