Halal Certificate Ban: उत्तर प्रदेश सरकार ने संदिग्ध भूमिका के चलते यूपी में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट को बैन कर दिया है। इसके बाद अब हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की जांच शुरू हो गई है। हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की जांच के लिए खाद्य और औषधि विभाग के इंस्पेक्टर बाजारों में जाकर जांच शुरू कर दिया है। हालांकि पॉलिथीन बैन की तरह अधिकारी हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों के इस रवैए से लग रहा है, सीएम योगी का यह आदेश भी हवा-हवाई साबित होगा। क्योंकि पॉलिथीन बैन होने के बाद अधिकारियों की तरफ से जांच के नाम पर छोटे दुकानदारों को परेशान किया गया, और जब बड़े कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग होने लगी तो सारा अभियान ठंडे बस्ते में चला गया है। नतीजा यह है कि प्रदेश में पॉलिथीन बैन होने के बावजूद आज हर दुकान पर यह उपलब्ध है। गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार ने बीते दिनों हलाल प्रमाणित उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण और बेचने पर रोक बैन लगाने के आदेश जारी किए थे।

बता दें कि देश में खाद्य सामग्री के सर्टिफिकेशन का काम भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के जिम्मे है। वहीं हलाल प्रमाणन के लिए चार अलग संस्थाएं हैं, जिनमें जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट, हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलेमा-ए-महाराष्ट्र है। योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ जमीयत हलाल ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। ट्रस्ट का कहना है कि भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने ऐसा सर्टिफिकेशन जारी करने की उन्हें छूट दी है।

हलाल प्रोडक्ट पर देशभर में पाबंदी लगाने की मांग

उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट के बैन होने के बाद अब देशभर में इसे बैन करने की मांग होने लगी है। हिंदूवादी संगठन बजरंग दल ने अब देशभर में हलाल प्रोडक्ट पर पाबंदी लगाने की मांग की है। बजरंग दल का आरोप है कि हलाल सर्टिफाइड करने वाली संस्थाएं इसके पैसे से आतंकियों और उनकी गतिविधियों को फंडिंग करती हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने चार नामजद संस्थाओं को नोटिस भेजने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक लखनऊ पुलिस इस मामले में विवेचना शुरू कर दी है।

ये संस्थाएं देती हैं हलाल सर्टिफिकेट

हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

गौरतलब है कि हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी गैर-सरकारी कंपनी के तौर पर काम करती है और यह पांडिचेरी में रजिस्टर्ड है। इस कंपनी के 3 प्रमोटर हैं। अब्दुल जमील मोहम्मद जिन्ना, अब्दुल वसीम शेख दाऊद और मुजक्किरुल्लाह। हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 5 अगस्त, 2009 में हुई थी। निदेशक के रूप में अब्दुल जमील मोहम्मद जिन्ना और अब्दुल वसीम शेख दाऊद को नियुक्त किया गया था।

हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

भारत की पहली व्यापक रूप से स्थापित हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हलाल प्रमाणन संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी। यह संस्था हलाल सर्टिफिकेशन जारी करती है, जो इस्लाम के अनुयायियों के लिए खाद्य और उत्पादों के इस्तेमाल की इजाजत देता है। हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का कहना है कि हम आधुनिक दुनिया में हलाल अखंडता को बनाए रखने के मिशन पर काम कर रहे हैं।

जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट

वर्ष 1919 में स्थापित जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट गैर-लाभकारी संगठन है। यह सबसे पुराने मुस्लिम एनजीओ की तरफ से चलाया जाता है, जो भारत में सबसे प्रभावशाली, विश्वसनीय और लोकप्रिय संगठनों में से एक है। यह संगठन रेस्तरां, होटल, अस्पताल, खाद्य, स्लॉटर हाउस और अन्य हलाल प्रमाणन संबंधी सेवाओं को हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के लिए पूरे भारत में अलग-अलग जगहों पर 7 कार्यालयों के साथ काम करता है।

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जमीयत उलेमा ए महाराष्ट्र

जमीयत उलमा ए महाराष्ट्र जमीयत उलमा-ए-हिंद की ही एक शाखा है। जमीयत उलेमा ए महाराष्ट्र का काम इस्लामी मान्यताओं, पहचान, विरासत और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, मुसलमानों के नागरिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा करना है। बताया जाता है कि मुस्लिम समुदाय के लिए काम करने वाला यह एनजीओ हिंदू छात्रों को भी स्कॉलरशिप देता है।

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