नई दिल्ली। भारत में नोटबंदी बाद आज भी इसको लेकर लोगों में कई तरह के संशय बने हुए है। सोशल मीडिया पर खबर के रूप में फैल रही अफवाहें जो न करा दें वह कम है। सोशल मीडिया पर इनदिनों यह खबर काफी तेजी से फैल रही है कि पुराने 100 रुपए के नोट बंद होने जा रहे हैं। इसी अफवाह को कुछ मीडिया वालों ने खबरों के रूप में प्रस्तुत कर दिया हैजिसपर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सफाई देनी पड़ी है। आरबीआई ने साफ़ किया है कि 100 रुपए के पुराने नोट बंद हो जाएंगे यह मात्र अफवाह है। आरबीआई के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि बैंकों से कहा गया है कि वर्ष 2005 के पहले के 100 रुपए के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर उनकी जगह पर नए 100 रुपए के नोट दिए जाएं। इन पुराने नोटों को बंद करने के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है। गौरतलब है कि मैंगलोर में हुई आरबीआई की एजीएम में रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से कहा था कि वे सभी क्लीन नोट पॉलिसी पर अमल करें और साफ-सुथरे नोटों को ही सर्कुलेशन में रखें।

रिजर्व बैंक ने साफ़ किया कि यह निर्देश केवल बैंकों के लिए है। आम लोगों का इससे कोई वास्ता नहीं है। साथ ही आरबीआई के अधिकारी ने यह भी बताया कि पुराने नोटो को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। मार्च महीने के बाद भी 100 रुपए के पुराने नोट पहले की तरह ही वैध रहेगा। किसी भी नोट को तभी बदला जाएगा जब वह फटा होगा। वहीं पुराने नोट को नए नोट में बदलना बैंक की सामन्य प्रक्रिया में आता है। यह कोई अलग से नई प्रक्रिया नहीं शुरू हो रही है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान 100 रुपए के पुराने नोटों को लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया था। अब इन पुराने नोटों को चरणबद्व तरीके से नए नोटों में बदलने की कोशिश की जा रही है। आरबीआई ने इसी संदर्भ में बैंकों से प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा था।

गौरतलब है कि 10 सिक्के भी आरबीआई के लिए सिरदर्द बन गए हैं। इन सिक्कों के भी बंद होने की कई बार अफवाह फैल चुकी है, इसकी की वजह से दुकानदार दस के सिक्के लेने से हिचकिचाते हैं। दिलचस्प है कि जिन बैंकों की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के इस भ्रम को दूर करेंवही बैंक वाले भी 10 के सिक्के लेने से पीछे हट जाते हैं। इसी के चलते दस के सिक्के के प्रति लोगों में कई तरह की आशंकाएं बनती जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार इन्हीं सब वजहों के चलते आरबीआई में 10 रुपए के सिक्कों का ढेर लग गया है।

Spread the news