Nishita Sharma
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए अनेक लाभान्वित योजनाएं लांच की जाती रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भी एक ऐसी ही योजना है जिसके तहत तीन लाख से कम आय वाले कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके पास कोई भी आवास न हो, वह इस योजना का लाभ ले सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत हर पात्र व्यक्ति को घर देने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते पात्र व्यक्तियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इन कार्यालयों में पात्र लाभार्थियों की स्वीकृत सूची से छेड़छाड़ कर अपात्र लोगों को पात्रता की सूची में शामिल कर दिया जाता है जिसके चलते पात्र लाभार्थी तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता है। ये योजना गरीबों को घर देने से पहले सरकारी बाबुओं और जनप्रतिनिधियों को अमीर बना रही है।
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मृतक व्यक्ति के नाम पर भी घर का आवंटन
भ्रष्टाचार की हद तो तब हो जाती है जब मृतक व्यक्ति के नाम पर भी घर का आवंटन हो गया। ऐसा मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले का है। जब यहां पर मृतक व्यक्ति को भी प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर आवंटित कर दिया गया। इस मकान का आवंटन सिर्फ कागजों पर किया गया। दरअसल, सिंगरौली में भ्रष्ट अधिकारियों ने एक मृत व्यक्ति के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित कर दिया। इतना ही नहीं अधिकारियों ने 1 लाख 30 हजार रूपये भी डकार लिये। बाद में जब भ्रष्टाचार सबके सामने आया तो मृतक के परिवार वालों को इसके बारे में जानकारी मिली। इसके बाद मृतक के बेटे ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। ऐसे एक नहीं अनेको मामले है जहां कार्यालय में बैठे अधिकारी व बाबू रिश्वत लेकर पात्र लाभार्थियों की सूची से छेड़छाड़ कर अपात्रों को योजना का लाभ दे रहे है। उक्त विषय को ध्यान में रखते हुए सरकार को चाहिए कि वह विभाग के अधिकारियों पर सख्त निगरानी रखे व घोटाला पकड़े जाने पर सख्त कार्यवाही करे जिससे यह फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
पीएम आवास योजना के नियमों में बदलाव
सरकार ने पीएम आवास योजना (PMAY) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अगर आप इन नए नियमों को नहीं जानेंगे तो आपका आवंटन रद्द हो सकता है। अब अगर आपको प्रधानमंत्री आवास आवंटित हुआ है तो इसमें पांच साल रहना अनिवार्य होगा वरना आपका आवंटन निरस्त हो जाएगा। अभी जिन आवासों का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट टू लीज कराकर दिया जा रहा है या जो लोग यह एग्रीमेंट भविष्य में कराएंगे वह रजिस्ट्री नहीं है। दरअसल, सरकार पांच साल यह देखेगी कि आपने इन आवासों का इस्तेमाल किया है या नहीं। अगर आप इनमें रह रहे होंगे तभी इस एग्रीमेंट को लीज डीड में तब्दील किया जाएगा. अन्यथा विकास प्राधिकरण आपके साथ किए गए एग्रीमेंट को भी खत्म कर देगा। इसके बाद आपके द्वारा जमा की गई रकम भी वापस नहीं होगी। सरकार के नियमों में किये गये इस परिवर्तन के चलते अब इसमें चलने वाली धांधली बंद हो जाएगी।
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