लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के घटते मामलों के बीच ग्रामीण अंचलों के लिए योगी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सराहा है। कोरोना के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए योगी सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन जैसी पांबंदियों को लगा दिया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोकल स्तर पर निरीक्षण कराए जाने की प्रक्रिया ने कोरोना के रोकथाम में काफी कारगर साबित हो रहे हैं। बता दें कि यह पूरी प्रक्रिया केवल कागजी आंकड़ों में चल रहे है। शहर से लेकर गांव तक लोग कोरोना की जांच को लेकर काफी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि सरकार जांच कम कराकर कोरोना संक्रमण के आंकड़े का घटा रही है। वहीं श्मशान घाटों पर पहुंच रही सरकारी आंकड़ों से दोगुनी लाशें भी यह बताने के लिए काफी है कि सरकारी आंकड़ों में कुछ न कुछ झोल जरूर है।

WHO ने यूपी सरकार की तरीफ की

गौरतलब है कि डब्लूएचओ (WHO) ने ट्वीट करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूला पर काम करने के प्रयास की जमकर तारीफ की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमितों की पहचान करने के लिए टीम गठित की। जो घर-घर जाकर कोरोना संक्रमितों की पहचान की और संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच की। सरकार के इस प्रयास से कोरोना संक्रमण को काबू करने में काफी हद तक मदद मिली है।

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डब्ल्यूएचओ (WHO) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की पहचान के लिए 1.41 लाख से ज्यादा टीमों और 21242सुपरवाइजर्स को लगाया है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि यूपी में बठित टीमों ने 97941 गांवों में जाकर उन लोगों का टेसअ किया है, जिनमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। इस दौरान पॉजिटिव पाए गए लोगों को आइसोलेट किया गया और दवा की किट भी दी गई। इसके साथ संक्रमित के संपर्क में आए सभी लोगों को क्वरंटाइन करा के उनकी भी जांच की गई। बता दें कि 30 अप्रैल के बाद से यूपी में कोरोना के संक्रमण की दर में लगातार गिरावट जारी है।

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