नई दिल्ली: चाचा पशुपति कुमार पारस सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं की बगावत का सामना कर रहे एलजेपी नेता चिराग पासवान ने अब इमोशन का सहारा लिया है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि पिता के मरने के बाद भी वह अनाथ नहीं हुए थे, लेकिन चाचा ने साथ छोड़कर अनाथ कर दिया है। ऐसे में उन्होंने 5 जुलाई से पूरे बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकालने की बात कर रहे हैं। उनके पिता राम विलास पासवान की इसी दिन जयंती भी है।

गौरतलब है कि चिराग पासवान ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर बगावती तेवर अपनाने वाले चाचा को दम दिखाने के बाद यह ऐलान किया है। चिराग पासवान ने कहा कि 5 जुलाई को मेरे पिता की जयंती है। इस समय मेरे पिता और चाचा दोनों ने मेरा साथ छोड़ दिया है। ऐसे में हमने 5 जुलाई को हाजीपुर से आशीर्वाद यात्रा निकालने का फैसला किया है। यह आशीर्वाद यात्रा बिहार के सभी जिलों से होकर गुजरेगी। उन्होंने कहा कि हमें लोगों के प्यार और आशीर्वाद की जरूरत है। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर उन्होंने कहा, बैठक में पार्टी के अधिकत्तर सदस्य उपस्थित रहे।

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बैठक में सभी सदस्यों ने पार्टी से निष्कासित किए गए लोगों की ओर से पार्टी के नाम और सिंबल का इस्तेमाल किए जाने की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही सभी सदस्यों ने एक स्वर से रामविलास पासवान को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की मांग भी की। इसी के साथ ही बिहार में राम विलास पासवान की प्रतिमा लगवाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। बैठक के बाद से चिराग का रुख बता रहा है कि वह अब जनता के आशीर्वाद से पिता की विरासत को संभालने के साथ-साथ आगे बढ़ाने का काम करेंगे।

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