लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ने वालों पर दरियादिली दिखाते हुए उनपर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है। सीएम योगी के इस फैसले से ढाई लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने व्यापारियों पर से इस तरह के मुकदमे वापस लेने का एलान कर चुकी है। राहत की बात यह है लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कचहरी के चक्‍कर लगा रहे प्रदेश के लाखों लोगों व व्‍यापारियों को जल्‍दी इन सब चक्‍करों से मुक्ति मिल जाएगी।

व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के दे चुके हैं निर्देश

बीते दिनों राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश भर के व्‍यापारियों के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कानून मंत्री बृजेश पाठक ने अधिकारियों को व्‍यापारियों पर दर्ज मुकदमों का ब्‍योरा जुटाने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में राज्य सरकार का कहना है कि कोविड के मुकदमों के चलते आम लोगों को कोर्ट कचहरी के अनावश्‍यक परेशानी उठानी पड़ेगी। थानों में दर्ज मुकदमे वापस हो जाने पर लोगों को अनावश्यक परेशानी से निजात मिल जाएगी।

मुकदमे वापस लेने वाला पहला राज्य बना यूपी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश कई मामलों में नंबर वन पर रहा है। वहीं अब लॉडाउन के दौरान नियमों के उल्लंघन को लेकर व्यापारियों और आम लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने के साथ ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है। योगी सरकार ने कोविड 19 के नियमों को तोड़ने और और लॉकडाउन के उल्लंघन के मुकदमे वापस लेने का फैसला करके प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। सरकार का कहना है इससे जहां आम लोगों को राहत मिलेगी वहीं कोर्ट के ऊपर भी अतिरिक्त मुकदमों का बोझ नहीं बढ़ेगा।

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