नई दिल्ली। इरादे नेक हो तो कोई भी अड़चन उसे रोक नहीं सकती। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जहां यह राज्य देश का हिस्सा बन गया है, वहीं विपक्षी दल वोट की राजनीति करते हुए इसे फिर से लागू किए जाने की हिमाकत करते आ रहे है। वहीं आज गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए अनुच्छेद 370 हटाए जाने के न सिर्फ फायदे गिनाए बल्कि अब तक वहां शासन में रही पार्टियों को जमकर लताड़ा भी। अमित शाह ने कहा कि राज्य को 370 का झुनझुना दिखाकर तीन परिवारों के लिए यहां राज व्यवस्था को पूरी तरह लागू किया गया है। लेकिन अब यहां राजा किसी रानी की पेट से पैदा नहीं होंगे बल्कि वोट से होंगे।

उन्होंने कहा कि हमने अनुच्छेद 370 हटाकर सबसे पहले सबसे वहां पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया। गृह मंत्री ने डॉ. बीआर आंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा, कि उन्होंने कहा था कि अब राजा रानी की पेट से पैदा नहीं होंगे, दलित, गरीब और पिछड़ों के वोट से पैदा होंगे, लेकिन कश्मीर में अब तक राजा रानी के पेट से ही पैदा होते थे, यहां केवल तीन परिवारों का ही शासन रहा, इसलिए उन्हें आज भी धारा 370 चाहिए। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, वहां भी राजा वोट से ही पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि जब राजा रानी की पेट से पैदा होता है तो उसमें जनता की सेवा नहीं होता, लेकिन जब वोट से बनता है तब जनता की सेवा करता है।

अमित शाह ने कहा, आज हमसे पूछा जा रहा है कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे उनका क्या हुआ, 17 महीने हमसे हिसाब मांगने वाले 70 सालों में आपने क्या किया उसका हिसाब लाए हो? 70 सालों में आपने ठीक से कुछ किया होता तो हमसे हिसाब मांगने जरूरत न पड़ती। साथ ही उन्होंने कहा कि 370 को हटाने का यह मसला कोर्ट में लंबित है, कोर्ट ने इस कानून पर स्टे नहीं लगाया है, बल्कि विचाराधीन रखा है। कोर्ट जब पूछेगी तो हम जवाब देंगे।

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