Kahani: भरत के नाम पर पड़ा देश का नाम भारत
Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…
Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…
विश्व पर्यावरण दिवस याद कर सो मत जाना। जीवन जल रहे सुरक्षित सुरक्षित हरियाली पाना।। एक दिवसीय काम नहीं हर दिन ही करना होगा। पूर्वजों ने किया था जो भी…
Kahani: एक समय की बात है, एक राजा था। उसकी चार पत्नियां थीं, जो एक से बढ़कर एक सुन्दर एवं गुणों से युक्त थीं। राजा उन चारों से अनुराग रखता…
Kahani: एक वन में एक ऋषि रहते थे। उनके डेरे पर बहुत दिनों से एक चूहा भी रहता आ रहा था। यह चूहा ऋषि से बहुत प्यार करता था। जब…
Kahani: रेणुका राजा प्रसेनजित अथवा राजा रेणु की कन्या, परशुराम की माता और जमदग्नि ऋषि की पत्नी थी, जिनके पाँच पुत्र थे। रुमण्वान, सुषेण, वसु, विश्वावसु तथा परशुराम। एक बार…
Kahani: एक बार एक गुरुदेव अपने शिष्य को अहंकार के ऊपर एक शिक्षाप्रद कहानी सुना रहे थे। एक विशाल नदी जो की सदाबहार थी उसके दोनो तरफ दो सुन्दर नगर…
Book Review: भारतीय संस्कृति में कहा जाता है, ‘नयति इति नायक:’, अर्थात् जो हमें आगे ले जाए, वही नायक है। आगे लेकर जाना ही नेतृत्व की वास्तtविक परिभाषा है। भारत…
Kahani: एक गांव में एक नास्तिक रहता था, जिसका नाम शिवराम था। न जाने क्यों, वह भगवान के नाममात्र से ही भड़क उठता था। यहाँ तक कि किसी आस्तिक से…
Kahani: एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी, धर्मात्मा और…
Kahani: ठाकुर जी का एक बहुत प्यारा भक्त था, जिसका नाम अवतार था। वह छोले बेचने का काम करता था, उसकी पत्नी रोज सुबह-सवेरे उठ छोले बनाने में उसकी सहायता…