पत्रकारिता के पारस ‘रमेश नैयर’

उच्च स्तंरीय पत्रकारिता की बात चले या पत्रकारिता के मानक मूल्यों की, हमें ऐसे बहुत कम लोग याद आते हैं, जिन्होंने इन्हें बचाने-बढ़ाने के लिए पूरे मनोयोग व समर्पण भाव…

Book Release: एपीकॉन अहमदाबाद में डॉ. मनोज की पुस्तक का विमोचन

Book Release: डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव की पुस्तक कोविड-19 डायग्नोसिस एण्ड मैनेजमेंट एपीकान 2023 अहमदाबाद में विमोचन किया गया। कोविड और इसके विभिन्न स्टैन, निदान एवं उपचार को केंद्रित इस…

Book Review: राष्ट्रवाद के पुनर्जागरण का युग इतिहास

Book Review: ब्रिटिशकालीन भारत में राष्ट्रवाद और खासतौर पर हिंदुत्व का पुनर्जागरण कोई सामान्य घटना नहीं हो सकती। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में…

भारतबोध की चर्चा को आगे बढ़ाएगी ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’

-नई दिल्ली में 26 दिसंबर को होगा इंदुशेखर तत्पुरुष की पुस्तक का विमोचन नई दिल्ली: प्रख्यात कवि, आलोचक एवं संपादक इंदुशेखर तत्पुरुष की पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ का विमोचन सोमवार,…

एकपक्षीय चिंतन कभी नहीं उपस्थित करता सार्थक विमर्श

वह चिंतक हैं। विधि विशेषज्ञ हैं। कवयित्री हैं। कथाकार हैं। संस्कृति संयोजक और सृजनकार हैं। प्रखर वक्ता हैं। सफल पुत्री, संवेदनशील माता, साधक सहधर्मिणी और अत्यंत आदर्श गृहिणी हैं। गोरखपुर…

Lucknow News: जगद्गुरु राघवाचार्य ने किया संस्कृति पर्व के विश्वगुरु अंक का लोकार्पण

Lucknow News: श्रुति, स्मृति, उपनिषद, वेदांत, श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण और श्रीमद्भागवत के मर्मज्ञ एवं प्रख्यात कथा व्यास जगद्गुरु स्वामी राघवाचार्य जी ने संस्कृतिपर्व के विश्वगुरु अंक का लोकार्पण किया। यहां निरालानगर…

Book review: आधुनिक परिवेश में नई शब्द व्याख्या और संपादन कर डॉ अजय मणि ने रचा इतिहास

Book review: यह कितना सुखद होगा जब श्रुति, स्मृति, उपनिषद और पुराणों में प्रयुक्त संस्कृत शब्दों की सरल हिंदी व्याख्या सामने आ जाय। यह निश्चय ही संस्कृत भाषा से भी…

Prayagraj News: श्रीभगवान शंकराचार्य ज्योतिर्मठ प्रयागराज में विद्वदसमागम एवं सम्मान समारोह

Prayagraj News: श्री भगवान शंकराचार्य ज्योतिर्मठ प्रयाग राज में प्रख्यात लेखक और उद्यमी संजय शेरपुरिया की पुस्तक दिव्यदर्शी मोदी का भव्य लोकार्पण किया गया। पीठ में विगत 29 नवंबर से…

स्वागत है ऋतु राज बसंत

बृजेंद्र खिल उठे हृदय का तंतु तंतु, जग उठें शीत में सुप्त जंतु। हँसती चहूं दिश होवे बयार, स्वागत को हो ऋतुराज द्वार।। जब रंगबिरंगी तितली बहकें, विविध भांति चिड़िया…

कुरीति और सनातन परंपरा में अंतर को समझिए

किसी भी परंपरा अथवा प्रचलन पर किसी टिप्पणी से पहले तार्किकता और वैज्ञानिकता की परख बहुत जरूरी है। क्या आपने कभी इस तथ्य पर विचार किया है कि जब राजा…