नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व चुनाव से एक कदम आगे बढ़कर सोचने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP game plan) ने लोकसभा चुनाव 2014 के मास्टर प्लान (BJP master stroke) तैयार कर लिया है। पीएम मोदी को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए बीजेपी (BJP game plan) ने अब तक मुश्किल-से-जीत हासिल कर पाने वाली सीटों की अपनी सूची तैयार की है। इस सूची में बिहार और महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर ध्यान में रखते हुए 144 से 160 (BJP 144 plan) के बीच सीटों की संख्या तय की गई है।

बता दें कि बिहार में बीजेपी (BJP master stroke) इस बार अपने सहयोगी के रूप में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) को गंवा दिया है। वहीं बीजेपी को इस बार महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठबंधन ( राकांपा), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र में महा विकास अघडी (एमवीए) से कड़ी टक्कर मिलने की चुनौती है।

बिहार

गौरतलब है बिहार में वर्ष 2019 के चुनावों में भाजपा और जद (यू) ने 17-17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। बीजेपी अपनी सभी सीटें जीतने में सफन रही, जबकि जद (यू) एक हार गई थी। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से (BJP 144 plan) भाजपा की अन्य सहयोगी, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने छह सीटें जीती थीं। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक बीजेपी की 144 प्लान में मुश्किल-से-जीत वाली सीटों की सूची में बिहार से चार नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर और किशनगंज शामिल हैं।

नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद लोजपा और अन्य छोटे सहयोगियों को सीटें आवंटित करने के बाद बीजेपी को अब अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ना होगा। इसलिए बीजेपी ने इस सूची में छह और सीटें जोड़ी हैं। ये सभी सीटें झंझारपुर, सुपौल, गया, पूर्णिया, कटिहार और मुंगेर जो मौजूदा समय में जद (यू) के पास हैं।

महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में उद्व ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गिरने के बाद अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार है। शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना के साथ बीजेपी अब सत्ता में है। लेकिन नई सरकार के खिलाफ एमवीए के मजबूती से खड़े होने के साथ, बीजेपी ने राज्य में अपनी मुश्किल वाली सीटों की सूची में दस और सीटें जोड़ ली हैं। इन सीटों में बारामती, चंद्रपुर, शिरपुर और सतारा हैं। मौजूदा समय में ये सीटें एनसीपी, कांग्रेस, शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट या निर्दलीय विधायकों के पास हैं। वहीं पार्टी की “मुश्किल-से-जीत” सीटों की सूची में पहले से ही तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में से कुछ सीटें शामिल हैं।

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ज्ञात हो कि यूपी में ऐसी सीटों के लिए राज्यसभा सांसद नरेश बंसल प्रभारी भी हैं। बीजेपी के प्रवासी अभियान का दूसरा चरण जारी है, जिसके तहत एक केंद्रीय मंत्री लोकसभा सीटों के एक समूह का प्रभारी है। वहीं प्रत्येक लोकसभा सीट के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए पांच-सात सदस्यों की समिति गठित की जानी है, जो चुनाव तैयारी की निगरानी करेगी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी इन सीटों के लिए दो दिवसीय विस्तारक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है। बिहार में बुधवार से सत्र शुरू हो गया है। इस तरह का एक और सत्र 28 दिसंबर से हैदराबाद में अगले वर्ष होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनावों पर नज़र रखेगा।

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