लखनऊ। भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट सीरीज जीत में अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की जमकर तारीफ करते हुए सुझाव दिया कि विराट कोहली एक बल्लेबाज के रूप में अपने करियर को लंबा खींचने के लिए कप्तानी उनको सौंप सकते हैं। बेदी ने रहाणे की कप्तानी की तुलना टाइगर पटौदी से की और कहा कि रहाणे की कप्तानी में भारतीय गेंदबाज थर्राते हैं।

बेदी ने कहा है कि कप्तानी करना 10 फीसदी स्किल का काम है और 90 फीसदी लक का काम है, लेकिन अजिंक्य रहाणे के पास 50 फीसदी स्किल हैं और 50 फीसदी लक उनके साथ है। वहीं कप्तान की अदला-बदली को लेकर उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मैं रहाणे को टेस्ट कप्तान का पद संभालने देखना चाहता हूं। उन्होंने आगे कहा, “मेरे दिमाग में एक और गुदगुदी भरा विचार आया कि क्या भारत को लंबे समय तक विराट कोहली को महान बल्लेबाज के तौर पर जरूरत है या फिर भारत को विराट कोहली के तौर पर एक औसत कप्तान चाहिए? इसी बीच दिमाग में आया कि रहाणे टेस्ट में नेतृत्व कर सकते हैं, जबकि कोहली और रोहित शर्मा व्हाइट बॉल क्रिकेट में कप्तान की जिम्मेदारी साझा कर सकते हैं। मैं निश्चित हूं कि चयनकर्ता ऐसा नहीं कर पाएंगे, लेकिन शायद कोहली को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले रहाणे को कप्तानी की ऑफर देना चाहिए।”

वहीं दूसरीओर पूर्व भारतीय विकेटकीपर दीप दासगुप्ता हालांकि इससे अलग सोचते हैं। दासगुप्ता ने कहा कि कि विराट कोहली को टेस्ट कप्तानी से हटाने के बारे में सोचना गलत है। दासगुप्ता ने कहा, ‘कभी-कभी ऐसा होता है कि लीडर आगे बढ़कर खड़े होते हैं। यही ऑस्ट्रेलिया में हुआ। अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा ने आगे बढ़कर टीम का जज्बा दिखाया लेकिन यह कहना कि विराट को हटाना चाहिए तो यह गलत होगा।’
उन्होंने कहा, ‘यह वही खिलाड़ी (विराट कोहली) है जिसके नेतृत्व में दो साल पहले भारत ने ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास रचा था। विराट की कप्तानी में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में नंबर-1 बनी। मुझे लगता है कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड सीरीज का परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहा, लेकिन केवल 3 मैचों के बाद ही कह देना कि विराट को हटा देना चाहिए, मेरी समझ से परे है।

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