Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लोनी में यात्रा के प्रवेश करने पर इसमें बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग शामिल हुए। उन लोगों के हाथों में आंबेडकर और कांशीराम के झंडे और पोस्टर थे। दलितों का समूह भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में आंबेडकर और कांशीराम के जयकारे भी लगा रहे थे। राहुल के यात्रा में दलितों के इस जुड़ाव को दलित मतदाताओं के एक बार फिर कांग्रेस की ओर लौटने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के पहुंचते ही सियासी हलचल बढ़ गई है। यात्रा को जहां विपक्षी दलों का समर्थन मिल रहा है, वहीं दलितों के जुड़ाव पर राजनीतिक विशेषज्ञ इसे मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के एक परिणाम मान रहे हैं। बता दें कि मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव प्रक्रिया के तहत कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया है। खड़गे चूंकि दलित समुदाय से आते हैं, इसलिए इसे कांग्रेस का एक बड़ा राजनीतिक संदेश माना गया था। यह कहा जा रहा था कि खड़गे के कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बन जाने से पार्टी दलित मतदाताओं के बीच मजबूत पैठ बना सकती है।

बीते दिनों संपन्न हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जो सफलता मिली है, उससे यह लगने लगा है कि लोगों को कांग्रेस से अभी भी बड़ी उम्मीदें हैं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जीत हासिल कर कांग्रेस जहां सरकार बनाने में सफल रही वहीं दिल्ली नगर निगम चुनावों में मजबूत हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस के पारंपरिक मतदाताओं एकबार फिर पार्टी की तरफ अपना रुख कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग लंबे समय से जुड़ा था। क्षेत्रीय दलों के आने से कांग्रेस जहां कमजोर हुई वहीं मतदाता भी जाति-धर्म में बट गए। बीजेपी के मजबूत होने पर जहां क्षत्रीय दलों का वजूद संकट में आ गया है, वहीं विकल्प के तौर पर लोगों को कांग्रेस नजर आ रही है।

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी की जिहादी और पाकिस्तान जोड़ो यात्रा

शायद यही वजह है कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस को समर्थन तो कर रहे हैं, लेकिन साथ खड़े होने से बच रहे हैं। क्षेत्रीयों दलों को यह डर सता रहा है कि वह अगर राहुल गांधी के साथ खड़े होते हैं, तो कांग्रेस को जहां मजबूती मिलेगी, वहीं उनका वोट बैंक भी प्रभावित होगा। फिलहाल कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में काफी सधी चाल चली है और दलित, पिछड़ा और जाट बाहुल्य क्षेत्रों से होते ही भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है। ऐसे में अगर यहां कांग्रेस की भीड़ वोट में तब्दील होती है, तो इसका सीधा नुकसान क्षत्रीय पार्टियों को होना तय है।

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी की जिहादी और पाकिस्तान जोड़ो यात्रा

Spread the news