काबुल: अमेरिका ने सीक्रेट ऑपरेशन में अलकायदा सरगना और खूंखार आतंकी अल-जवाहिरी को काबुल में रविवार की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार गिराया गया। वहीं अल-जवाहिरी की मौत की खबर दो दिन बाद सार्वजनिक की गई। अमेरिका ने हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए अल-जवाहिरी को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मार गिराने का दावा किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि एक हवाई हमले के दौरान अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी (Al-Zawahiri) को ढेर कर दिया गया है। टेलीविजन पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इंसाफ हो गया है और आतंकी अब जिंदा नहीं बचा है।

इधर, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अमेरिका के इस सीक्रेट ऑपरेशन की कड़ी निंदा की है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने अपनी प्रतिक्रिया में अमेरिकी कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय मानकों और दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया है।

दोहा समझौते का उल्लंघन

जबीउल्लाह मुजाहिद ने काबुल में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले पर बयान जारी कर कहा कि 1 अगस्त, 2022 को काबुल सिटी के शेरपुर इलाके के रिहाइशी इलाके में हवाई हमला किया गया। हमले के बारे में पहले कुछ साफ-साफ नहीं पता सका था, लेकिन तालिबान सरकार की तरफ से सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जब इसकी जांच की तो मालूम चला कि यह हमला अमेरिकी ड्रोन ने किया था। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह ने बताया कि तालिबान सरकार अमेरिकी ड्रोन हमले की कड़ी आलोचना करती है और यह कार्रवाई दोहा समझौता और अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को उल्लंघन है।

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तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने आगे कहा कि ऐसी कार्रवाई अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ है और यह गत 20 वर्षों के विफल अनुभव की पुनरावृत्ति है। इस तरह की कार्रवाई के दोहराव से मौजूदा संबंधों को नुकसान पहुंचेगा।

वहीं बाइडेन प्रशासन के अधिकारी ने दावा किया कि काबुल में रविवार की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर अल-कायदा चीफ को मार गिराया गया। इसके अलावा यह भी दावा किया गया है कि इसमें किसी अन्य व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। परिवार के सदस्यों को इसमें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। खबरों के मुताबिक भारत को पहले ही अलकायदा के मारे जाने की जानकारी मिल गई थी। अमेरिकी प्रशासन के सूत्रों के अनुसार अमेरिकी प्रशासन अल-जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि हो जाने के बाद यह जानकारी सार्वजनिक करना चाहता था। इसीलिए बयान जारी करने में इतनी देर लगी।

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