लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी विभागों में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी में है। यूपी में विभागों के पुनर्गठन के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की काम और जरूरतों का नए सिरे से आंकलन शुरू होने वाला है। मिल रही जानकारी के अनुसार 59 हजार नए सरकारी पदों का सृजन और 20 हजार पद समाप्त किए जा सकते हैं। बता दें कि पूर्व मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकारी विभागों में फेरबदल करने की सिफारिश की है। इस समिति ने कई मौजूदा पदों की उपयोगिता न होने का तर्क देते हुए उन्हें समाप्त करने और नई जरूरतों के मुताबिक पदों के सृजन किए जाने का सुझाव दिया है। समिति ने सुझाव देते हुए कहा है कि जिन विभागों में आवश्यकता से अधिक लोगों की तैनाती हो, वहां से कम तैनाती वाले स्थानों पर लोगों का समायोजन किया जाए।
गौरतलब है कि यदि समिति की इस सिफारिश पर अमल हुआ तो सिंचाई विभाग व प्राइमरी स्कूलों के 20 हजार से अधिक पद समाप्त किए जा सकते हैं। वहीं 20 हजार से अधिक पदों को दूसरे विभागों में भी समायोजित किया जा सकता है। जबकि अन्य विभागों में एक साथ 59 हजार से अधिक नए पद सृजित किए जाने की उम्मीद है। समिति ने इसके साथ ही 59 हजार ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय की स्थापना और उसमें कम से कम एक प्रशिक्षित कर्मिक की तैनाती करने का भी सुझाव दिया है।
समिति की सिफारिशों को अगर पूरी तरह से लागू किया गया तो 10 हजार परिषदीय स्कूल बंद किए जा सकते हैं। समिति की रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग में 10 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या 30 से भी कम है। ऐसे विद्यालयों को बंद कर यहां के शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में शिफ्ट करने का सुझाव दिया गया है। वहीं सिंचाई विभाग के विभिन्न श्रेणी के अनुपयोगी हो चुके 10 हजार पदों को समाप्त किए जाने की सिफारिश की गई है। जबकि व्यापार कर विभाग में विभिन्न श्रेणी के करीब 2500 पद दूसरे विभागों में समायोजित करने की भी बात कही गई है।