चित्रकूट: मलेरिया (Malaria) को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की सक्रियता और टीम भावना से काम करने से जनपद में लगातार मलेरिया के मामलों में कमी आ रही है। इधर वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर मार्च तक सिर्फ एक पाजिटिव केस मिला है। इलाज से वह भी स्वस्थ हो चुके हैं। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भूपेश द्विवेदी का। उन्होंने बताया कि आशाओं को क्षेत्र के लोगों की मलेरिया जांच के लिए एंटीजन किट दी गयी है। इसके साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लैब टेक्नीशियन द्वारा जाच की जा रही है। तीन साल से लगातार मलेरिया (Malaria) के केसों मे गिरावट आना जिले के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री ने वर्ष 2030 तक देश को मलेरिया (Malaria) मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। उनका प्रयास है की उससे पहले जनपद मलेरया से मुक्त हो जाए। एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि जिला मलेरिया अधिकारी और मलेरिया निरीक्षकों की टीम जिले में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के जरिये अभियान में जुटे हुए हैं, लेकिन लोगों की सतर्कता अधिक आवश्यक है।
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जिला मलेरिया अधिकारी प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया की जिले की कुल जनसँख्या (10 लाख) का 10 प्रतिशत लोगों के जांच का लक्ष्य रहता है। आशाओं के द्वारा लोगों को ट्रेस कर उनकी स्लाइड बनाई जा रही है। वर्ष 2022 में जनवरी से मार्च तक सात हजार से अधिक स्लाइड बनाई गयी हैं। लेकिन अब तक सिर्फ एक ही पाजिटिव केस मिला है जो सुखद है। वर्ष 2019 से 2022 तक जो भी मलेरिया से ग्रसित मिले उन्हें इलाज दिया जा चुका है सभी स्वस्थ हो चुके है। उन्होंने बताया की मादा एनाफिलीज मच्छर के द्वारा यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे तक फैलती है।
क्या है प्रमुख लक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया की मच्छर के काटने के 3 से 7 दिन के अंदर तेज बुखार, कपकपी उठना, बुखार उतरने के बाद खूब पसीना आना और तेज सिर दर्द होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। लक्षण दिखते ही बिना देरी के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध मलेरिया की निशुल्क जांच कराएं और पाजिटिव होने पर तुरंत इलाज कराएं। ताकि कैजुअल्टी की संभावना न रहे। पीवी (प्लाजमोडियम वायवेक्स) होने पर इलाज 14 दिन तक चलता है और पीएफ (प्लाजमोडियम फेल्सीपेरम) होने पर इसका इलाज 3 दिन तक चलता है। लक्षण समाप्त होने पर भी मलेरिया का पूरा इलाज कराएं। बीच में इलाज न छोड़ें। समय पर इलाज न कराने से यह बीमारी रेजिस्टेंट हो जाती है।
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ऐसे करें बचाव
रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। अपने आसपास गंदगी न करें। घर के आसपास जल भराव न होने दें। सुबह और शाम पूरी आस्तीन के कपड़े पहने ताकि मच्छर न काट सके। प्रति सप्ताह कूलर और फ्रिज का पानी बदल दें। छत के ऊपर पड़े बिना प्रयोग वाले बर्तन जिनमें पानी का ठहराव हो सकता है, हटा दें। पशुबाड़े में यदि हौदे में पानी भरा है तो उसे एक हफ्ते में अवश्य बदल दें। यदि जानवर नहीं है तो उस हौदे को ही पलट दें। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे, और लार्वा को खाने वाली गम्बुसिया मच्छली को कुओं और तालाबों में डालें।
आंकड़ों पर एक नजर (मलेरिया)
वर्ष 2019 में स्लाइड बनी 51201 जिनमें 319 पाजिटिव मिले| वर्ष 2020 में स्लाइड बनी 14356 जिनमें 26 पॉजिटिव मिले। वर्ष 2021 में स्लाइड बनी 21619 जिनमें 22 पॉजिटिव मिले। वर्ष 2022 में (जनवरी से मार्च तक) स्लाइड बनी 7130 जिनमें अब तक सिर्फ एक ही पॉजिटिव केस मिला है। पीड़ित को त्वरित इलाज दिया गया और वह स्वस्थ हो चुके हैं।
क्यों मनाते हैं मलेरिया दिवस
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। विश्व मलेरिया दिवस का मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक करना, उसका निवारण और नियंत्रण के लिए प्रयास करना है। विश्व मलेरिया दिवस 25 अप्रैल, 2008 को पहली बार मनाया गया। मलेरिया से भारत सहित तमाम देशों में हर साल लाखों लोग मरते हैं।
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