लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। क्योंकि राज्य सरकार पहले ही अभी चुनाव कराने के मूड में नहीं थी। हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद जहां पंचायत चुनाव कराने की तैयारी चल रही है, वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने आरक्षण और आवंटन प्रकिया को रोकने का आदेश दिया है। हालांकि हाईकोर्ट के इस आदेश पर राज्य सरकार सोमवार को अपना जवाब दाखिल करेगी। इस संदर्भ में अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।

आरक्षण की नियमावली को दी थी चुनौती

गौरतलब है कि अजय कुमार की तरफ से हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल कर आरक्षण की नियमावली को चुनौती दी गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में फरवरी माह में जारी किए गए शासनादेश को चुनौती दी है। इसमें सीटों का आरक्षण वर्ष 2015 में हुए चुनाव के आधार पर किए जाने की मांग की गई है। दाखिल पीआईएल में वर्ष 1995 से आगे के चुनावों को आधार बनाए जाने की बात को गलत बताया गया है।

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ज्ञात हो कि इस बार रोटेशन के आधार पर आरक्षण किया गया। याचिका की सुनवाई जस्टिस ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस मनीष माथुर की डिवीजन बेंच में हुई। बता दें कि इस समय सभी जिलों में फाइनल आरक्षण लिस्ट की तैयारी चल रही है। इस समय आरक्षण लिस्ट पर आईं आपत्तियों को दूर करने का काम चल रहा है। शेड्यूल के मुताबिक 15 फरवरी तक आरक्षण सूची जारी हाे जानी थी। वहीं 2 ओर 3 मार्च को सभी जिलों में आारक्षण लिस्ट जारी हो गई थी। इन लिस्ट पर 4 से 8 मार्च तक क्षेत्र पंचायत कार्यालय में आपत्तियां मांगी गई थी। इन आपत्तियों को 9 मार्च को जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय पर एकत्र किया गया। 10 से 12 मार्च के बीच इन आपत्तियों का निस्तारण करना था। इसके बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाना था।

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