नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद (Russia Ukraine Conflict) अब युद्ध का रूप लेता जा रहा है। रूस जहां पूरी तरह से युद्ध के तैयार नजर आ रहा है, वहीं दुनिया की चिंता बढ़ गई है। अमेरिका सहित अन्य देश रूस पर युद्ध टालने का दबाव बना रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी रूस के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है। विवाद के बीच अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने यूक्रेन को लेकर बड़ा एलान करते हुए पूर्वी यूक्रेन को अलग देश की मान्यता दी है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने एलान किया है रूस पूर्वी यूक्रेन के दो अलग अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देगा।
इसके तहत रूस स्वघोषित गणराज्य डोनेत्स्क (Donetsk) और लुगंस्क (Lugansk) को अलग देश के रूप में मान्यता देगा। वहीं व्लादिमीर पुतिन के इस एलान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ना तय माना जा रहा है। पुतिन के इस एलान से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। लोगों के मन में यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर किस तरह से अलग देश बनाया जाता है। कैसे अलग देश को मान्यता मिलती है। बता दें कि व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन बनाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। पुतिन ने लुहान्स्क और डोनेस्क को अलग देश बनाने की मान्यता दे दी है। पुतिन का कहना है डोनबास में स्थिति काफी गंभीर है। डोनवास रूस के इतिहास से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास का जानना चाहिए।
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पुतिन ने कहा कि यूक्रेन हमारा पुरान साथी है। पूर्वी यूक्रेन को लेकर मुझे मुश्किल फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन को साम्यवाद की सच्चाई दिखाने के लिए तैयार हैं। पुतिन ने कहा कि इसके लिए रूस की संसद के पास हमारे अधिकार हैं। फिलहाल इसे युद्ध की तरफ रूस के बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। जानकारों की मानें तो रूस के इस तरह के फैसले मामले को काफी गंभीर बना सकते हैं। इससे दुनिया की मुसीबत बढ़ सकती है। क्योंकि व्लादिमीर पुतिन यूएस की धमकी को दरकिनार करते हुए यह फैसला लिया है।
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