गाजीपुर। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की तरफ से आज 43वें दिन भी प्रदर्शन जारी है। हालांकि इस बीच सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार की तरफ से किसानों की बात मानते हुए जहां हर जरूरी सुझाव पर संशोधन की बात की जा रही है, वहीं किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद पर अड़े हैं। इसी का नतीजा है कि कई दौर की वार्ता के बावजूद भी कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। वहीं कल सरकार और किसान संगठनों के बीच 9वें चरण की बैठक होनी है और माना जा रहा था कि इसमें कोई समाधान जरूर निकल जाएगा। लेकिन किसानों की तरफ से बैठक एक दिन पहले जिस तरह से टै्रक्टर मार्च निकाला जा रहा है, उससे साफ हो रहा है कि इस समस्या का हल जल्द निकलने वाला नहीं है।

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दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान आज ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं, जिस पर किसान संगठनों का कहना है कि यह 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल है। मजे की बात यह है कि सरकार की तरफ से जहां किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है वहीं किसान संगठनों की तरफ से लगातार आंदोलन को और तेज किया जा रहा है। इसी आंदोलन की कड़ी में ट्रैक्टर मार्च भी एक नया कदम है।

गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किसान ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। इस बारे में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार के खिलाफ किसान भाइयों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में टै्रक्टर मार्च निकाला जा रहा है, सरकार को किसानों की बात पर गौर करना चाहिए।

सरकार के प्रति बढ़ रहे किसानों के गुस्से को देखते हुए सरकार को इस विवाद को खत्म करने की दिशा में सोचना होगा। कृषि कानूनों को सरकार वापस लेले किसान मान जाएंगे। वहीं किसानों के इस मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी जारी कर दी गई है, जिससे इस मार्च के चलते आम लोगों को किसी तरह की दिक्कत न होने पाए। पुलिस प्रशासन के मुताबिक किसानों का ट्रैक्टर मार्च ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर दुहाई, डासना, बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल तक जाएगी, यहां पहुंचने के बाद भी वापस हो जाएगी। इस मार्च के आम ट्रैफिक के लिए यह रूट डायवर्ट रहेगा।

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