Pauranik Katha: कुबेर का अहंकार

Pauranik Katha: यह एक पौराणिक कथा है। कुबेर तीनों लोकों में सबसे धनी थे। एक दिन उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतनी संपत्ति है, लेकिन कम ही लोगों को इसकी…

Poetry: लड़के! हमेशा खड़े रहे

खड़े रहना उनकी मजबूरी नहीं रही बस उन्हें कहा गया हर बार चलो तुम तो लड़के हो खड़े हो जाओ छोटी-छोटी बातों पर वे खड़े रहे कक्षा के बाहर… स्कूल…

Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था जिसे शिल्प कला अत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेस जाया करता थे। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियाँ अपने राज महल में लाकर…

Poem: लो मैंने तुम्हें मार दिया

बहुत-सी प्रेम कहानियाँ मर जाती हैं जातियों के तले दबकर, जातियाँ हँसती हैं और खिलखिला कर कहती हैं “लो मैंने तुम्हें मार दिया” और प्रेम अपनी आख़िरी साँस तक एक…

Kahani: निर्धन राजा

Kahani: एक राज्य में एक निर्धन राजा रहता था। पड़ोसी राज्य से युद्ध के बाद उसका राजसी खजाना खाली हो चुका था। धन संपत्ति के नाम पर उसके पास कुछ…

Poetry: खिलखिलाया करो!

तलब इतनी न अपनी बढ़ाया करो, दाग-ए-दिल न किसी को दिखाया करो। गर्म आँसू हैं आँखों में देखो बहुत, घुट-घुटके न जीवन बिताया करो। अच्छे लोगों से दुनिया है भरी-पटी,…

Kahani: बाज की सीख

Kahani: एक बार एक शिकारी जंगल में शिकार करने के लिए गया। बहुत प्रयास करने के बाद उसने जाल में एक बाज पकड़ लिया। शिकारी जब बाज को लेकर जाने…

Poetry: इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ

वो खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाये तो तकलीफ वो सैनिकों का हौंसला बढ़ाये तो तकलीफ। इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ? वो देश का मान बढ़ाये तो तकलीफ वो देश को…

Pauranik Katha: भक्त से निंदा सुन मुस्कुराए भोलेनाथ

Pauranik Katha: एक बार कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माँ पार्वती बैठे हुए थे। शिव जी ध्यान लगा कर बैठे थे। तभी पार्वती जी ने देखा कि वे मन्द-मन्द…

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