Pauranik Katha: संपूर्ण शिव तांडव स्त्रोत का हिंदी अनुवाद, जानें रावण ने कैसे भोलेनाथ की पाई थी कृपा

Pauranik Katha: कुबेर व रावण दोनों ऋषि विश्रवा की संतान थे और दोनों सौतेले भाई थे। ऋषि विश्रवा ने सोने की लंका का राज्य कुबेर को दिया था, लेकिन किसी…

Pauranik Katha: भीम और हिडिम्बा के विवाह की कथा

Pauranik Katha: हिडिम्बा पांडव कुल की सबसे पहले बनने वाली वधू बनी थी। लाक्षागृह यानी लाह के बने घर को जब दुर्योधन एवं मामा शकुनि की योजना के अनुसार, जलाया…

Pauranik Katha: बड़ी रोचक है गंगा अवतरण की कथा

Pauranik Katha: पौराणिक मान्यता के अनुसार माँ गंगा पृथ्वी पर आने से पहले स्वर्ग में बहती थी, तो फिर ऐसा क्या हुआ कि गंगा माता को पृथ्वी पर आना पड़ा।…

Pauranik Katha: भक्त श्रेष्ठ का दर्शन

Pauranik Katha: एक बार भगवती पार्वती ने भगवान शंकर से कहा, आज किसी भक्त श्रेष्ठ का दर्शन कराने की कृपा करें। भगवान शंकर तत्काल उठ खड़े हुए और कहा– जीवन…

Pauranik Katha: क्या होता है अक्षय पात्र, जानें युधिष्ठिर को कैसे प्राप्त हुआ

Pauranik Katha: अक्षय पात्र को जानने से पहले अक्षय को समझें। अक्षय का अर्थ होता है, जिसका कभी छय न हो यानी नाश न हो। जो कभी खत्म नहीं किया…

Pauranik Katha: संत की खीर

Pauranik Katha: संत श्री रघुनाथ दास गोस्वामी राधाकुंड गोवर्धन में रहकर नित्य भजन करते थे। नित्य प्रभु को 1000 दंडवत प्रणाम, 2000 वैष्णवों को दंडवत प्रणाम और 1 लाख हरिनाम…

Pauranik Katha: कृपाचार्य और द्रोणाचार्य की रोचक कथा

Pauranik Katha: गौतम ऋषि के पुत्र का नाम शरद्वान था। उनका जन्म बाणों के साथ हुआ था। उन्हें वेदाव्यास में जरा भी रुचि नहीं थी और धनुर्विद्या से उन्हें अत्यधिक…

Pauranik Katha: अर्जुन और भगवान शिव का युद्ध

Pauranik Katha: हिमालय की तराई में एक सघन वन था, वन में तरह-तरह के पशु-पक्षी रहते थे। वहीं जगह-जगह ऋषियों की झोंपड़ियां भी बनी हुई थीं। ऐसा लगता था मानो…

Pauranik Katha: शकुनि ने बदला लेने के लिए बहन के खानदान का कराया सर्वनाश

Pauranik Katha: गांधार देश के राजा सुबल के 100 पुत्र और एक पुत्री थी। सबसे छोटे पुत्र का नाम शकुनि और पुत्री का नाम गांधारी था। शकुनि की पत्नी का…

Pauranik Katha: सती अनसुइया के सतीत्व में फंसे त्रिदेव, बालक रूप में लेना पड़ा जन्म

Pauranik Katha: सती अनुसूया महर्षि अत्रि की पत्नी थीं, जो अपने पतिव्रता धर्म के कारण सुविख्यात थी। अनुसूया का स्थान भारतवर्ष की सती-साध्वी नारियों में बहुत ऊँचा है। इनका जन्म…

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