भाई, दोस्त या समधी, जानिए श्रीकृष्ण और द्रौपदी के अनोखे रिश्तों की पूरी कहानी

Pauranik Katha: महाभारत के किरदारों में श्रीकृष्ण और द्रौपदी का रिश्ता सबसे खास और अनोखा था। आइए आज समझते हैं कि कैसे ये दोनों एक-दूसरे के लिए मित्र, भाई-बहन और…

Chhathi Maiya: कौन हैं ‘छठी मईया’ और कैसे हुआ छह मातृ शक्तियों से कार्तिकेय का जन्म

Chhathi Maiya: दीपावली के बाद आने वाले छठ पूजा के दौरान, हम जिस ‘छठी मईया’ की पूजा करते हैं, उनकी उत्पत्ति और पहचान भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के जन्म…

देवी की मूर्ति में छुपा है वेश्या आंगन का पवित्र रहस्य, जानिए इस अनोखी परंपरा की कहानी

durga pratima: नवरात्रि का पावन त्योहार हर साल आश्विन महीने में धूमधाम से मनाया जाता है। इन नौ दिनों में सार्वजनिक पंडालों में मां दुर्गा की विशाल प्रतिमाएं स्थापित की…

Pauranik Katha: कैसे शुरू हुए कृष्ण और शुक्ल पक्ष, जानें महत्व

Pauranik Katha: पंचांग के अनुसार हर माह में तीस दिन होते हैं और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्रमा की गति के अनुसार की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं…

Pauranik Katha: राजा विक्रमादित्य की कुल देवी हरसिद्धि माता की कथा

उज्जयिन्यां कूर्परं व मांगल्य कपिलाम्बरः। भैरवः सिद्धिदः साक्षात् देवी मंगल चण्डिका। Pauranik Katha: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता सती के पिता दक्षराज ने विराट यज्ञ का भव्य आयोजन…

Pauranik Katha: वासना के कारण विनाश का उदाहरण है सुंद-उपसुंद की कथा

Pauranik Katha: हिरण्यकशिपु के वंशज सुंद-उपसुंद। हिरण्यकशिपु के वंश में राक्षस निकुंभ के दो पुत्र हुए, सुंद और उपसुंद। ये दोनों भाई अपने समय के शक्तिशाली राक्षस थे। दोनों में…

Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है

Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा कैसे शरीर के बाहर जाता है? कौन प्रेत का शरीर प्राप्त करता है? क्या भगवान के भक्त प्रेत योनि में प्रवेश करते हैं? भगवान…

Pauranik Katha: त्रिजटा राक्षसी से साध्वी तक

Pauranik Katha: रामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है। त्रिजटा को सीताजी ने बड़े प्रेम से मां कहा था। यह सौभाग्य और किसी को…

Pauranik Katha: राजा मुचुकुन्द ने कालयवन को किया था भस्म

Pauranik Katha: त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना…

Dussehra पर नीलकंठ का दर्शन करना क्यों माना जाता है शुभ, जानें क्या कथा

Dussehra: दशहरा, जिसे विजयदशमी भी कहा जाता है, अश्विन माह की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक…