निगाहें
छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…
छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…
लखनऊ: भारतीय समाज-शास्त्र एक ओर सैद्धान्तिक तौर पर नारी को आदर और सम्मान का पात्र घोषित करता है और “यत्र नार्यन्ति पूज्यंते तत्र रमन्ते देवता” जैसी उद्घोषणाएँ करता है तो…
सबके आंगन में आयेगा, खुशियों का फिर डेरा। इस दुनिया से मिट जायेगा, दुख का मीत अंधेरा। विपदाओं की गठरी से तुम, नहीं कभी घबराना। मुश्किल का जो पल आया…
चांद से जा मोहब्बत करी चांदनी। रात काली अमावस अकेले रही।। याद में उसके मैं तो तड़पता रहा। वो तो साजन की बांहों में लिपटी रही।। ना कमी कोई मैंने…
हे राम ये हमने मान लिया, ग़लती हम सब ने की है। सुख वैभव के जाल मे फँस कर, याद तुम्हें ना की है। पर, स्वामी मेरे दया करो, अब…
मधुर मिलन की प्रथम रात। जब मयखाने में आई थी।। नई नवेली मधु प्रेमी बन। कुछ सकुची शरमाई थी।। चाहत के घट छलक रहे थे। उमड़ रही उर की हाला।।…
राह निहारत रैना बीते। नैना अश्रु बहावे।। पीया बिना सखी निंद न आवे। पल पल याद सतावे।। पतझड़ बीत बसंत आइ गयो। मंद पवन अब डोले।। भौंरा गुंजन करे फूल…
नई दिल्ली। मीडिया विमर्श परिवार की तरफ से रविवार को नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में साहित्यिक पत्रिका ‘अभिनव इमरोज़’ के संपादक देवेन्द्र कुमार बहल को 13वें पं. बृजलाल…