विश्व पर्यावरण दिवस
याद कर सो मत जाना।
जीवन जल रहे सुरक्षित
सुरक्षित हरियाली पाना।।

एक दिवसीय काम नहीं
हर दिन ही करना होगा।
पूर्वजों ने किया था जो भी
है अब तक हमने भोगा।।

आज नहीं यदि कर पाए
तो भाभी पीढ़ी रोयेगी।
कर्मों को कर याद तुम्हारे
अपना आपा खोयेगी।।

जागो उठ निज करो कर्म
हरियाली मास समीप खड़ा।
गुरु पूर्णिमा से रक्षाबन्धन
पुण्यों का माह है बहुत बड़ा।।

वृक्ष लगाओ तर्पण के हित
वृक्ष लगाओ अर्पण के हित।
वर्तमान भविष्य तुम साधो
वृक्ष साधना करो सदा नित।।

बृजेंद्र पाल सिंह

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