Kahani: हमसे आगे हम

Kahani: टीचर ने सीटी बजाई और स्कूल के मैदान पर 50 छोटे छोटे बालक-बालिकाएँ दौड़ पड़े। सबका एक लक्ष्य। मैदान के छोर पर पहुँचकर पुनः वापस लौट आना। प्रथम तीन…

Kahani: क्योंकि हमारा घर एक है

Kahani: हम दो भाई एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नहीं हम दोनों भाई कब एक-दूसरे से दूर होते गए,…

Kahani: किसे होती है प्रभु की प्राप्ति

Kahani: एक राजा था। वह बहुत न्याय प्रिय तथा प्रजा वत्सल एवं धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने ठाकुर जी की बड़ी श्रद्धा से पूजा-पाठ और याद करता था।…

Kahani: दो दोस्त

Kahani: एक बार दो दोस्त एक बड़ा रेगिस्तान पार कर रहे थे। रास्ते में चलते-चलते उनका किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और एक दोस्त ने गुस्से में आकर…

Kahani: मौन

त्रिलोक सिंह ठकुरेला Kahani: रघुराज सिंह बहुत खुश थे। उनके लड़के से अपनी लड़की का रिश्ता करने की इच्छा से अजमेर से एक संपन्न एवं सुसंस्कृत परिवार आया था। रघुराज…

Kahani: सहायता ही धर्म है

Kahani: एक बार कुछ विदेशी यात्री भारत भ्रमण के लिए आए। उन्होंने भारत के अनेक धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण किया। भ्रमण करते-करते एक दिन वे एक महात्मा के…

Kahani: गुरु की बातों को न भूलें

Kahani: नारायण दास एक कुशल मूर्तिकार थे। उनकी बनाई मूर्तियां दूर-दूर तक मशहूर थीं। नारायण दास को बस एक ही दुख था कि उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्हें हमेशा…

Kahani: मंदबुद्धि बालक

Kahani: विद्यालय में एक बालक पढ़ता था, सब उसे मंदबुद्धि कहते थे। उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे, क्योंकि वह पढ़ने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का…

Kahani: चिंता चिता के समान

Kahani: एक पुरानी कहानी है पंचतंत्र में। एक गांव में एक युवक था। उसका कुल काम इतना था, डट कर दूध पीना, दंड-बैठक मारना और हनुमानजी के मंदिर में पड़े…

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