Poem: काली औरतें छुपा ले गयी

काली औरतें छुपा ले गयी संसार के सारे काले करतूत धोखा खाकर सोचती रही घण्टों बंद कमरों में अपने माशूक को अपने निबालों में खाती रही भर-भर कर कोयले के…

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