नव वर्ष प्रतिपदा सिंह द्वार
नव वर्ष प्रतिपदा सिंह द्वार संकल्प से सिद्धि तक जाना है। हो सशक्त समृद्ध सनातन वसुधा को परिवार बनाना है।। हों कहीं गुलामी के शूल दंश चुन चुन सब शूल…
नव वर्ष प्रतिपदा सिंह द्वार संकल्प से सिद्धि तक जाना है। हो सशक्त समृद्ध सनातन वसुधा को परिवार बनाना है।। हों कहीं गुलामी के शूल दंश चुन चुन सब शूल…
प्रकृति भी रंग पसारे है, नववर्ष तुम्हारा आलिंगन! फसलें भी स्वर्ण सरीखी सी, आतुर हैं आने को आंगन। जो बीत गईं वो यादें हैं, आएंगी वो है नव जीवन! बीतीं…
हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा, उन पराजित योद्धाओं के लिए, तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग, सारी…
ऊंची-ऊंची बखरी छवाय मोरे हीरा, छाय हरिअरवै बांस, रामा छाय हरिअरवै बांस। छिओराम छिओ, हो छिओराम छिओ। गोहूं के रोटिया तबै निक लागै, जो घिव मा चुपड़ी होय, रामा घिव…
आंखे जिस पल को तरसी थीं, वह दृश्य दिखाया योगी ने। उस सदन बीच खुलकर हिन्दू, उत्कर्ष दिखाया योगी ने।। निज धर्म, कर्म पर गौरव है, ये सिखा दिया है…
चार महीना सुख से बीता, घुसुड़ रजाई मा जग जीता। इक-दूजे से लिपट-लिपटकर, सोवा हम तो चिपक-चिपककर। ऊ सुख अब तो मिलै न पाई, मौसम दूसर आय रहा है। सरवा…
क्या कहा भइया? हम नादान हैं, भोले हैं, दिमाग से पोले हैं। आज कागज फाड़ रहे हैं, कल कपड़े फाड़ेंगे। लेकिन भइया! सच तो यह है कि तुम नादान हो,…
कइसन ई शासन है, कइसन विधान है? समस्या है गांव में, नहीं समाधान है। झूठ बोल रहा अब तो सारा जहान है! पागल अब चोर दिखे, चोरी अब शान है!…
निशाना लगाया अचूक, फिर भी साला गया चूक। आया कैसा भूचाल, जितने हम थे वाचाल, उतना है बुरा हाल। हम फेल हो गए, पटरी से उतरी रेल हो गए, टूटी…
बांहें अपनी खोल रहा है, जहर फिजां में घोल रहा है। माताजी उसको अब रोको, पप्पू ज्यादा बोल रहा है। अपनी ही धुन में रहता है, आंय-बांय कुछ भी बकता…