कलम क्रोध में कवि से
कवि! तू झूठा है, यह बात मैं, डंके की चोट पर कहती हूँ! तेरी विरह गाथा के पीछे, मैं एक सचाई देखती हूँ। मैंने तेरा हाल पता किया, तेरे घर…
कवि! तू झूठा है, यह बात मैं, डंके की चोट पर कहती हूँ! तेरी विरह गाथा के पीछे, मैं एक सचाई देखती हूँ। मैंने तेरा हाल पता किया, तेरे घर…
थे गाँव हमारी पाठशाला, जिसमें हम पढ़कर बड़े हुए। संस्कृति सभ्यता संस्कार सीख, स्व तंत्र स्वाभिमान ले खड़े हुए।। था सुरम्य हमारा गाँव जहाँ, परिवार भाव घर-घर पलता। छोटे-बड़े समादर…
मैं चल रहा उस राह पर, जिस पर चलाया राम ने। है वही देता दिशा-दृष्टि, सृष्टि रचाई प्रभु नाम ने।। जो हो रहा होगा अभी जो, उसकी कृपा मय चाह…
समझ कर चलो तुम, सम्हल कर चलो तुम। भारत को भारत बनाना तुम्हें है।। ह्रदय से ह्रदय सब मिलें एक रस हो। ह्रदय से ह्रदय को मिलाना तुम्हें है।। इतिहास…
प्रकृति हमें देती है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें। सूरज हमें रोशनी देता हवा नया जीवन देती है। भूख मिटाने को हम सबकी धरती पर होती खेती…
हम सब परिवार एक यह भाव जगाना है। अपने-अपने कर्तव्य मार्ग पर आगे बढते जाना है।। व्यक्ति-व्यक्ति में गुण अनेक व्यक्तित्व बढाना है। सोई शक्ति भस्म आप्लावित वह ऊपर लाना…
पितृ पक्ष है चल रहा, पूर्वज स्मृति का काल। नव पीढ़ी को संस्कार दें, हो संस्कृति का ऊंचा भाल।। हो संस्कृति का ऊंचा भाल, परंपराओं में संस्कार भरें। हैं मातु…
कीमत बड़ी चुकाई जरा से उधार की, नथनी के बदले नथ पे नजर थी सुनार की। अब क्या मिसाल दीजिए किस्मत की मार की, घर में कुँआरी रह गई बेटी…
उदास लड़कों को खोजने के लिए कोई मोहनजोदाड़ो जैसी खुदाई नहीं करनी पड़ती। दिख जाएंगे कहीं भी, कभी भी उदास न दिखने की कोशिश करते हुए। मेट्रो या ऑटो की…
मन्दिर एक बनाओ मिलकर, जो होवे सबका हितकारी। श्रम साधना परिश्रम सबका, जुटें सभी ज्यों हों परिवारी।। एक जलाशय को जीवन दो, वर्षा जल बहकर उसमें आये। भूजल का स्तर…