Kahani: कर्मफल का भोग टलता नहीं

Kahani: एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी, धर्मात्मा और…

Kahani: लालची सेठ को मिला सबक

Kahani: एक सेठ था। वह बर्तनों को किराये पर देता था और उनसे कमाई करता था। एक बार किसी को किराये पर बर्तन दिये। वह व्यक्ति उससे बर्तन ले गया…

Kahani: धन नहीं चैन चाहिए

Kahani: एक गरीब व्यक्ति था। वह प्रतिदिन समीप के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभू से कहता कि…

Kahani: मानव चरित्र पर संत का ज्ञान

Kahani: एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक उन्नति करते हैं। जबकि…

Kahani: धोखेबाज़ किसी के मित्र नहीं होते

Kahani: एक बार की बात है। एक लोमड़ी और खरगोश दोस्त थे। वह साथ में ही खेलते, खाते और रहते। जंगल में एक बार एक बाघ आया और उसने खरगोश…

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