National Education Policy: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के संबंध में उच्च शिक्षा, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए समस्त जनपदों में कार्यशालाओं का आयोजन करते नीति के आयामों के बारे में सभी शिक्षकों एवं संबंधित लोगों को अवगत कराने एवं क्षमतावृद्धि करने के लिए निर्देशित किया। सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में अटल विद्यालयों, पीएम श्री विद्यालयों एवं मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालयों का समयबद्ध रूप से विकास करते हुए कंपोजिट स्कूल कॉम्प्लेक्स का क्रियान्वयन किया जाए। इन विद्यालयों का नई शिक्षा नीति 2020 पर आधारित घटकों के आधार पर संचालन सुनिश्चित हो। बच्चों को खेल और शारीरिक शिक्षा से संबंधित गतिविधियों से जोड़ा जाए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) में स्कूल स्टैण्डर्ड अथॉरिटी का गठन किया जाए जिसके द्वारा सभी विद्यालयों में गुणवत्ता मानक स्थापित किए जाएं। भारतीय ज्ञान, स्थानीय प्रथाएं, इतिहास का समावेश करते हुए स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क भी गठित किया जाए। छात्रों को लर्निंग बाय डूइंग के माध्यम से वोकेशनल कोर्सेज का परिचय कराया जाए। इसके अलावा उन्हें कॅरियर परामर्श भी उपलब्ध कराया जाए। छात्रों के लिए हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड बनाया जाए। डिजिटल लाइब्रेरी के साथ ही बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण और स्पेशल इक्विटी प्रोजेक्ट्स का निर्धारण किया जाए।

सभी दिव्यांग और आउट ऑफ स्कूल बच्चों की ट्रैकिंग करते हुए समावेशित शिक्षा सुनिश्चित की जाए। बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारते हुए, शिक्षकों को उच्च कोटि का प्रशिक्षण दिया जाए और ब्लेंडेड अप्रोच में ट्रेनिंग सिद्धांत को अपनाते हुए सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पाठ्यक्रमों का संशोधन सुनिश्चित करते हुए उसे कक्षाओं में संचालित किया जाए। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए दीक्षा एप का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए, स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की अधिक से अधिक तैनाती के लिए विद्यालयों को सूचित किया जाए। स्कूलों में तकनीक का उपयोग हो। समर्थ एप आईटी सिस्टम से नामांकन, ठहराव, उपस्थिति एवं दक्षताओं का रियल टाइम अनुश्रवण किया जाना चाहिए। शारदा एप द्वारा विद्यार्थी हेतु पहचान नामांकन, ऑनलाइन उपस्थिति, प्रतिधारण और मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

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माध्यमिक विद्यालयों में प्रोजेक्ट अलंकार के तहत शत्-प्रतिशत् विद्यालयों में अवस्थापनाओं का संतृप्तिकरण दो साल में पूर्ण किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित हो। व्यवसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को माध्यमिक विद्यालयों में संचालित किया जाए। स्थानीय ट्रेड दक्षताएं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की ट्रेनिंग कराई जाए। इसमें कौशल विकास के सर्टिफिकेट कोर्सेस को समावेशित किया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ हर वर्ग, हर व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार का कर्तव्य है। इसके तहत आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए शारदा व दिव्यांग बच्चों के लिए समर्थ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए स्पेशल एजुकेटर्स और नोडल शिक्षकों के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। कक्षाओं में ब्रेल टेक्स्ट बुक, स्टेशनरी, इनलार्ज प्रिंट टेक्स्ट बुक समेत विशेष शैक्षिक सामग्री एवं बच्चों हेतु उपकरणों की व्यवस्था हो। दिव्यांग बच्चो के लिए सरकार एस्कॉर्ट एलाउंस व दिव्यांग बालिकाओं हेतु स्टाइपेंड दिया जा रहा है। इसका सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए।

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